BiharBihar

Bihar: बिहार और झारखंड में चल रही राजनीतिक हलचल इस समय मुख्यधारा में है। दोनों राज्यों में उप चुनावों की तैयारी जोरों पर है। जदयू, राजद, भाजपा और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर कई रणनीतियाँ और समझौते हो रहे हैं। इस लेख में हम इन राजनीतिक घटनाक्रमों का विस्तृत विश्लेषण करेंगे।

जनता दल यूनाईटेड (जदयू) ने हाल ही में अपने प्रत्याशियों का चयन कर लिया है। बिहार विधानसभा उप चुनाव में चार सीटों पर चुनाव होना है, जिनमें से जदयू ने दो सीटें अपने पास रखी हैं। पार्टी के लिए यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राजनीतिक स्थिति को मजबूत करता है। जदयू ने अपनी रणनीति में भाजपा के साथ समझौता किया है, जिसमें उन्हें महज दो सीटें दी गई हैं।Bihar

राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी झारखंड में सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत की है। उनकी पार्टी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के साथ अपने गठबंधन के ‘अपर हैंड’ को मजबूत किया है। झामुमो ने 43 सीटें मांगी हैं, जबकि राजद ने 22 सीटों की मांग की थी। अंततः तेजस्वी ने पांच सीटों पर समझौता किया, जो एक राजनीतिक चालाकी का परिचायक है।

भाजपा-कांग्रेस की स्थिति

भाजपा और कांग्रेस के बीच भी सीट बंटवारे की वार्ता चल रही है। बिहार विधानसभा में भाजपा ने जदयू को केवल दो सीटें दी हैं, जो उनकी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है। पार्टी के नेता मानते हैं कि इस बंटवारे के जरिए वे जदयू को कमजोर कर सकते हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस झारखंड में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए झामुमो के साथ गठबंधन बनाने की कोशिश कर रही है।Bihar

राहुल गांधी का झारखंड दौरा

राहुल गांधी का झारखंड में आज का दौरा महत्वपूर्ण है। यह उनके लिए एक रणनीतिक कदम है, जिसमें वे राज्य के नेताओं के साथ मिलकर चुनावी रणनीतियों पर चर्चा करेंगे। इससे पहले, तेजस्वी यादव ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ बैठक की थी, जिससे यह साफ होता है कि राजद और झामुमो का गठबंधन मजबूत हो रहा है।

जदयू और भाजपा के बीच मतभेद

भाजपा और जदयू के बीच सीट बंटवारे को लेकर मतभेद भी स्पष्ट हो रहे हैं। जदयू ने बेलागंज सीट पर मनोरमा देवी को उम्मीदवार के रूप में लगभग फाइनल कर लिया है। यहां जदयू को चुनौती देने के लिए राजद के पास पूर्व विधायक सुधाकर सिंह का परिवार है, जो राजनीतिक मैदान में मजबूत स्थिति में है।Bihar

जदयू की चुनौतियाँ

जदयू की स्थिति कमजोर हो रही है, खासकर बेलागंज सीट पर। पिछले चुनाव में उनके प्रत्याशी अभय कुशवाहा अब राजद के सांसद बन गए हैं। इसके अलावा, कैमूर जिले के रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने राजद को चुनौती देने के लिए अपने प्रत्याशी को उतारने की योजना बनाई है।Bihar

राजद का सामर्थ्य और चुनौतियाँ

राजद ने अपने नेताओं को मजबूत करने के लिए सीटों के बंटवारे में झामुमो के साथ मिलकर काम किया है। तेजस्वी यादव ने राज्य में अपनी पार्टी को मजबूत करने की कोशिश की है, लेकिन उन्हें यह भी ध्यान रखना होगा कि भाजपा और जदयू के साथ उनकी प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है।Bihar

By admin