अंबाला में दीपावली का पर्व सिर्फ एक धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह ज्ञान, मेहनत, प्यार और सद्भावना की भावना को जगाने का भी एक अवसर है। इस वर्ष, जिला उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने अंबाला छावनी के बाल भवन में जिला बाल कल्याण परिषद द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह में इस विचार को साझा किया। इस समारोह का उद्देश्य विद्यार्थियों को दीपावली की वास्तविक महत्ता के बारे में जागरूक करना था।

दीपावली मिलन समारोह की शुरुआत उपायुक्त ने दीप प्रज्ज्वलित कर की, जो इस पर्व के प्रकाश और समृद्धि का प्रतीक है। दीप जलाते समय उन्होंने उपस्थित सभी बच्चों और अधिकारियों को यह संदेश दिया कि दीपक जलाने का अर्थ सिर्फ उजाला फैलाना नहीं, बल्कि अपने अंदर भी ज्ञान और अच्छे मूल्यों का दीप जलाना है।

एक अनोखी बात यह थी कि उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने बच्चों के साथ संवाद स्थापित करने के लिए अपनी कुर्सी छोड़कर उनके बीच जमीन पर बैठना उचित समझा। यह देखकर सभी अधिकारी हैरान रह गए और उन्होंने भी विद्यार्थियों के संग बैठने का निर्णय लिया। इस वातावरण ने बच्चों को और अधिक स्वतंत्रता और आत्मविश्वास दिया, जिससे वे खुलकर अपनी बात कह सके।

उपायुक्त ने विद्यार्थियों से दीपावली पर्व के महत्व के बारे में बातचीत की। उन्होंने पूछा कि पिछले कुछ वर्षों में विद्यार्थियों ने इस पर्व को कैसे मनाया है। इस प्रकार के प्रश्नों ने बच्चों को अपने विचार साझा करने का अवसर दिया। बच्चों ने हंसते-खेलते अपने मन की बातों का इजहार किया, जिससे माहौल में खुशी और उत्साह का संचार हुआ।

इस संवाद के दौरान, लगभग आधा घंटा उपायुक्त और विद्यार्थियों के बीच हंसी-खुशी का खेल चलता रहा। बच्चों ने अपनी परंपराओं, परिवारों और त्योहारों के बारे में बात की, जो उनके लिए इस पर्व को और भी विशेष बनाते हैं। पार्थ गुप्ता ने विद्यार्थियों की बातें ध्यान से सुनीं और उनके विचारों की सराहना की, जिससे बच्चों को प्रोत्साहन मिला।

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