महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों की सरगर्मी बढ़ रही है, और इस बार चुनावी दंगल में कई नेता और दल शामिल हैं। राकांपा के उप-मुख्यमंत्री अजित पवार ने हाल ही में नवाब मलिक को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट की है, जबकि भाजपा नेता आशीष शेलार ने उनके खिलाफ अपनी आपत्ति जताई है। यह स्थिति न केवल महाराष्ट्र की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह यह भी दर्शाती है कि कैसे अलग-अलग दल एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हो रहे हैं।

नवाब मलिक की उम्मीदवारी पर विवाद

भाजपा नेता आशीष शेलार ने कहा है कि अजित पवार को नवाब मलिक को पार्टी टिकट नहीं देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मलिक के खिलाफ लगे गंभीर आरोप महाराष्ट्र के लिए अस्वीकार्य हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा ऐसे उम्मीदवारों का समर्थन नहीं कर सकती जिन पर ऐसे गंभीर आरोप हों। शेलार ने यह भी कहा कि भाजपा ऐसे उम्मीदवारों के लिए प्रचार नहीं करेगी, बल्कि उनके खिलाफ खड़े होने वाले उम्मीदवार का समर्थन करेगी।

अजित पवार की प्रतिक्रिया

अजित पवार ने मलाड़ क्षेत्र में अपनी गतिविधियों के दौरान नवाब मलिक की उम्मीदवारी पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “चार नवंबर को यह स्पष्ट हो जाएगा कि कौन उम्मीदवार किस सीट से चुनाव लड़ रहा है।” यह टिप्पणी इस बात को दर्शाती है कि राकांपा अंदरूनी समीकरणों को लेकर सतर्क है और चुनावी रणनीति बनाने में सक्रिय है।

प्रियंका चतुर्वेदी का पलटवार

शिवसेना (यूबीटी) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने आशीष शेलार के बयानों पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पहले नवाब मलिक का विरोध किया था, और अब उनकी उम्मीदवारी को लेकर अजीत पवार द्वारा चुनाव फॉर्म दिए जाने से भाजपा की स्थिति कमजोर होती है। प्रियंका ने यह भी कहा कि भाजपा के बयानों में विरोधाभास है, जो उनके कथनी और करनी के बीच का अंतर दर्शाता है।

पवार परिवार की राजनीति

बारामती विधानसभा सीट पर अजित पवार और उनके भतीजे युगेंद्र पवार के बीच की लड़ाई बेहद महत्वपूर्ण है। इस सीट से चुनाव लड़ने का मामला केवल व्यक्तिगत राजनीतिक शक्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पवार परिवार के लिए भी एक प्रतिष्ठा का मुद्दा बन गया है। युगेंद्र पवार ने इस संबंध में कहा है कि अपने चाचा के खिलाफ चुनाव लड़ना आसान नहीं है, लेकिन उन्होंने अपने समर्थन का विश्वास जताया है।

विधानसभा चुनाव की रूपरेखा

महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव 20 नवंबर को एक चरण में होंगे, जबकि मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी। इस चुनाव में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति, जिसमें भाजपा और अजित पवार की एनसीपी शामिल हैं, सत्ता बरकरार रखने की कोशिश कर रही है। वहीं, शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (एसपी) और कांग्रेस की महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सत्ता से बेदखल करने की कोशिश कर रही है।

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