आगरा बेकरी हादसा

उत्तर प्रदेश के आगरा में ट्रांसपोर्ट नगर स्थित एक बेकरी में हुए धमाके ने चारों ओर खौफ फैला दिया। हादसा इतना भयावह था कि इसे याद कर लोग अब भी सिहर उठते हैं। मेडले बेकर्स में ओवन फटने से 13 कर्मचारी बुरी तरह झुलस गए। हादसा 1 बजे दिन में हुआ, जब बेकरी में काम चल रहा था। आसपास रहने वाले लोगों ने इस भयावह घटना को अपनी आंखों से देखा और उसके खौफनाक मंजर को बयान किया।

चश्मदीद की आपबीती

मेडले बेकर्स से महज 50 कदम की दूरी पर रहने वाले निगमकर्मी के बेटे रुद्र प्रताप ने हादसे की दास्तां सुनाई। उन्होंने बताया, “मैं सोकर उठा ही था कि जोरदार धमाका हुआ। ऐसा लगा जैसे भूकंप आ गया हो। दीवार पर लगी एलईडी गिर पड़ी। मैं घबरा गया और मां, भाई और मामा को लेकर बाहर भागा। बेकरी के बाहर चीख-पुकार मची हुई थी। मजदूरों के कपड़ों से लपटें निकल रही थीं। कोई बेकरी की सीढ़ियों पर पड़ा था, तो कोई सड़क पर कराह रहा था।”

धमाके के बाद का दृश्य

हादसे के तुरंत बाद बेकरी के आसपास का माहौल दहशत भरा था। पास ही में चाय और अन्य सामान बेचने वाले मोहित और रोहित यादव ने कहा कि धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि उन्हें समझ नहीं आया कि क्या हुआ है। “हमने देखा कि मजदूर कपड़ों में आग लेकर सीढ़ियों से बाहर भाग रहे थे। कुछ मजदूर सड़क पर लेट गए। उनके पास जाने की हिम्मत 10 मिनट तक नहीं हुई।”

पुलिस और दमकल की देरी

चश्मदीदों ने बताया कि धमाके के 20 मिनट बाद पुलिस मौके पर पहुंची और उसके बाद दमकल कर्मी पहुंचे। इस बीच झुलसे हुए लोग दर्द से कराहते रहे। एक कर्मचारी ने बताया कि नगर निगम की वर्कशॉप में काम कर रहे कर्मचारी भी धमाके की आवाज सुनकर तुरंत बाहर आ गए।

हादसे के पीछे की वजह

फैक्टरी में काम कर रहे तिलकराज के अनुसार, यह हादसा ओवन में ब्लास्ट होने के कारण हुआ। धमाके के बाद बेकरी में धुआं भर गया और टिनशेड टूटकर गिर गया। बेकरी के पास काम करने वाले कई कर्मचारी भी आवाज सुनकर बाहर आ गए थे।

आगरा बेकरी हादसा

घायलों की स्थिति

धमाके में झुलसे 13 मजदूरों को तत्काल घटिया स्थित केपीआईएमएस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के मुताबिक, घायल मजदूर 50 फीसदी से अधिक झुलस चुके हैं। इनमें से आठ की हालत गंभीर है। दो मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा गया है, जबकि छह मरीज आईसीयू में भर्ती हैं। तीन मरीजों की हालत में सुधार हो रहा है और पांच मरीजों को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है।

इलाज में जुटी टीम

हॉस्पिटल के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सुशांत धवन ने बताया कि हादसे के तुरंत बाद प्लास्टिक सर्जन, एनेस्थीसियन, सर्जन समेत विशेषज्ञों की टीम बनाई गई। घायल मजदूरों की प्लास्टिक सर्जरी की गई और उनकी देखभाल के लिए पैरामेडिकल स्टाफ को भी लगाया गया। इलाज में डॉ. राहुल सहाय, डॉ. सोमिका अग्रवाल, डॉ. नमन गुप्ता, और डॉ. कृष्णा ने मुख्य भूमिका निभाई।

स्थानीय निवासियों का डर

मेडले बेकर्स के आसपास रहने वाले लोग अब भी दहशत में हैं। निगम कर्मचारी अतुल प्रताप की पत्नी ने बताया, “मैं घर के पिछले हिस्से में बैठी हुई थी, तभी धमाके की तेज आवाज सुनाई दी। मैं डर के मारे बाहर भागी। बाहर देखा तो बेकरी में चीख-पुकार मची हुई थी।”

सुरक्षा में चूक

हादसे के बाद स्थानीय प्रशासन और बेकरी प्रबंधन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि बेकरी में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं थे। मजदूरों को आग से बचाने के लिए कोई उपकरण मौजूद नहीं थे। यह घटना सुरक्षा मानकों की अनदेखी का परिणाम है।

नतीजा और प्रशासन की प्रतिक्रिया

घटना के बाद प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाए। वहीं, दमकल विभाग ने बताया कि बेकरी में सुरक्षा उपकरणों की कमी थी। प्रशासन ने बेकरी मालिकों को तलब किया है और दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

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