हरियाणा के बाद महाराष्ट्र में मिली करारी हार को लेकर कांग्रेस कार्य समिति ने मंथन किया। जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे फुल फॉर्म में दिखे यहां उन्होंने कांग्रेस के बड़े नेताओं की तो क्लास लगाई ही बल्कि राहुल गांधी को भी नसीहत दे डाली। इतना ही नहीं पार्टी प्रमुख खरगे ने चुनावी हार को देखते हुए कठोर निर्णय लेने की भी बात कही और कहा कि सबकी जवाबदेही तय करनी होगी। उन्होंने साफ लहजे में कहा कि नेताओं को चुनाव परिणामों से सबक लेना होगा। हालांकि, उन्होंने माना कि ईवीएम ने चुनावी प्रक्रिया को संदिग्ध बना दिया है। कार्य समिति ने ये फैसला किया कि चुनावी प्रक्रिया से हो रहे गंभीर समझौते से जुड़ी चिंता को राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में उठाया जाएगा। पार्टी का ये भी कहना है कि वह इस मुद्दे पर इंडी गठबंधन के घटक दलों को भी साथ लेगी।
पार्टी प्रमुख खड़गे ने कहा कि, चुनावी हार के मद्देनजर कठोर निर्णय लेने होंगे और जवाबदेही तय करनी होगी। कांग्रेस के भीतर कलह पर निशाना साधते हुए कहा, “सबसे अहम बात जो मैं बार-बार कहता हूं कि आपसी एकता की कमी और एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी हमें काफी नुकसान पहुंचाती है। जब तक हम एक होकर चुनाव नहीं लड़ेंगे, आपस में एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी का सिलसिला बंद नहीं करेंगे, तो अपने विरोधियों को राजनीतिक शिकस्त कैसे दे सकेंगे? पार्टी को अपने प्रतिद्वंद्वियों के प्रचार और गलत सूचना का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए एक रणनीति विकसित करनी होगी। यह महत्वपूर्ण है कि हम अनुशासन का सख्ती से पालन करें पार्टी के पास अनुशासन का हथियार भी है लेकिन हम अपने कार्यकर्ताओं को किसी बंधन में नहीं डालना चाहते।
हांलाकि उन्होंने कांग्रेस नेताओं की हौसला अफजाई भी की और कहा कि कांग्रेस हमेशा अजर अमर है। महाराष्ट्र चुनाव के बारे में उन्होंने कहा, “छह महीने पहले लोकसभा चुनावों में माहौल हमारे पक्ष में था। लेकिन केवल माहौल पक्ष में होने भर से जीत की गारंटी नहीं मिल जाती, हमें माहौल को नतीजों में बदलना सीखना होगा। क्या कारण है कि हम माहौल का फायदा नहीं उठा पाते, कुल मिलाकर खरगे फुल फॉर्म में दिखे और कांग्रेस की कमियां सुधारकर बड़े कदम लेने का इशारा दिया। वहीं चुनाव आयोग पर सवाल उठाना, पूरी चुनावी प्रक्रिया को कटघरे में खड़ा करने पर सब सहमत रहे।