संभल, उत्तर प्रदेश: समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जियाउर्रहमान बर्क की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। हाल ही में प्रशासन ने उनके खिलाफ एक के बाद एक कई कार्रवाई की है, जिसमें बिजली चोरी का मामला और अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाने जैसी घटनाएं शामिल हैं। यह घटनाएं राज्य में राजनीतिक चर्चा का विषय बन गई हैं और इससे संबंधित मामलों में तेजी से जांच और कार्रवाई की जा रही है।
1. बिजली चोरी का मामला और जुर्माना
जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ बिजली चोरी का मामला हाल ही में सामने आया। विद्युत विभाग की जांच में यह खुलासा हुआ कि सांसद और उनके परिवार के नाम से जुड़े दो मीटरों में गड़बड़ी पाई गई थी। इन मीटरों के साथ छेड़छाड़ की गई थी, जिसके परिणामस्वरूप बिजली चोरी की गई। यह चोरी तब सामने आई जब स्मार्ट मीटर लगाए गए थे, और उनके जरिए की गई जांच में गड़बड़ी का पता चला।
विधुत विभाग के अधीक्षण अभियंता, विनोद कुमार गुप्ता ने बताया कि सांसद जियाउर्रहमान बर्क और उनके पिता पूर्व सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क के नाम पर जुड़े दो मीटरों की एमआरआई जांच में गड़बड़ी पाई गई थी। जांच में यह सामने आया कि इन मीटरों से बिजली की चोरी की गई थी। इसके बाद, सांसद पर बिजली चोरी का मामला दर्ज किया गया और उन पर 1.91 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया।
यह घटना एक राजनीतिक विवाद का कारण बनी, क्योंकि सांसद बर्क की ओर से इसे एक गलत कार्रवाई बताया गया है। हालांकि, प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई पूरी तरह से नियमों और जांच के आधार पर की गई है।
2. अतिक्रमण पर प्रशासन की कार्रवाई
बिजली चोरी के मामले के बाद, शुक्रवार को प्रशासन ने जियाउर्रहमान बर्क के घर पर अतिक्रमण के खिलाफ भी कार्रवाई की। नगर निगम ने उनके घर के बाहर नालियों पर किए गए अतिक्रमण को ध्वस्त किया। इस कार्रवाई के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था, और ड्रोन से निगरानी भी की जा रही थी।
सपा सांसद के घर के बाहर नाली पर बनी सीढ़ियां और स्लैब को तोड़ दिया गया। प्रशासन का कहना था कि यह निर्माण बिना नक्शा पास कराए किया गया था और इसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही थी। इस कार्रवाई को लेकर जियाउर्रहमान बर्क और उनके समर्थकों ने विरोध जताया है, लेकिन प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई पूरी तरह से नियमों का पालन करते हुए की गई है।
3. सपा सांसद के पिता पर एफआईआर
इस कार्रवाई में एक और नया मोड़ तब आया जब विद्युत विभाग के अधिकारियों ने आरोप लगाया कि सांसद जियाउर्रहमान बर्क के पिता डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को धमकाया। इसके चलते, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह आरोप गंभीर हैं और यह स्थिति और भी विवादित हो गई है।
एफआईआर में आरोप लगाया गया कि डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को जान से मारने की धमकी दी थी और उनकी जांच में रुकावट डालने का प्रयास किया था। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, और यह स्थिति सांसद और उनके परिवार के लिए एक नई कानूनी चुनौती बन गई है।
4. प्रशासन की कार्रवाई और सपा सांसद की मुश्किलें
जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ लगातार हो रही प्रशासनिक कार्रवाई से उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। जहां एक ओर उनके खिलाफ बिजली चोरी और अतिक्रमण जैसे मामलों में कार्रवाई की जा रही है, वहीं दूसरी ओर उनके समर्थक इसे राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में देख रहे हैं। समाजवादी पार्टी ने इस पूरे घटनाक्रम को बीजेपी सरकार का एक षड्यंत्र बताया है और कहा है कि यह कार्रवाई केवल सपा नेताओं को निशाना बनाने के लिए की जा रही है।
हालांकि, प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि यह सभी कार्रवाईयां नियमों के तहत की जा रही हैं और किसी भी राजनीतिक दबाव या प्रभाव के तहत नहीं की जा रही हैं। प्रशासन ने यह भी कहा है कि आगे भी इस प्रकार की कार्रवाई जारी रहेगी, और जो भी कानून का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
5. विपक्ष और सपा की प्रतिक्रिया
सपा के नेता और समर्थक इस पूरी घटना को एक राजनीतिक षड्यंत्र मानते हुए इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि जियाउर्रहमान बर्क और उनके परिवार को प्रशासन द्वारा निशाना बनाया जा रहा है, ताकि सपा की छवि को धूमिल किया जा सके। सपा के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि यह कार्रवाई सिर्फ सपा को कमजोर करने के लिए की जा रही है और इसके पीछे बीजेपी की साजिश हो सकती है।
वहीं, बीजेपी नेताओं का कहना है कि प्रशासन अपनी कार्यवाही पूरी तरह से स्वतंत्र रूप से कर रहा है और यह किसी प्रकार की राजनीतिक साजिश नहीं है। उनका कहना है कि अगर किसी भी जनप्रतिनिधि ने कानून का उल्लंघन किया है, तो उसे कानून के दायरे में आकर जवाब देना चाहिए।
6. प्रशासन का रुख और भविष्य की कार्रवाई
प्रशासन का रुख इस समय बहुत स्पष्ट है। उनका कहना है कि सभी कार्यवाहियां पूरी तरह से नियमों और कानून के तहत की जा रही हैं। प्रशासन ने यह भी बताया है कि अगर जियाउर्रहमान बर्क और उनके परिवार के खिलाफ कोई और मामले सामने आते हैं, तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई सख्ती से की जा रही है, ताकि यह संदेश दिया जा सके कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह किसी भी राजनीतिक पार्टी से हो, कानून से ऊपर नहीं हो सकता।