दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार सीएम अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को राजधानी की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। ईडी ने 10 दिनों की रिमांड के दौरान केजरीवाल के कई सवाल पूछे। आज पेशी के दौरान केजरीवाल के वकील रमेश गुप्ता और ईडी की ओर से ASG राजू ने दलीलें पेश कीं। जांच एजेंसी ने सीएम केजरीवाल पर गुमराह करने का आरोप लगाया। इसी बीच ईडी ने अदालत में कहा कि केजरीवाल ने पूछताछ में बताया कि विजय नायर उन्हें रिपोर्ट नहीं करते थे, वो आतिशी और सौरभ भारद्वाज को रिपोर्ट करते थे। इस दौरान सीएम केजरीवाल भी कोर्ट में मौजूद थे, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बोला। बता दें कि आतिशी और सौरभ का नाम पहली बार कोर्ट में लिया गया।

कोर्ट में नाम सुनते हीं चौंक गए सौरभ भारद्वाज
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक जिस समय ASG राजू ने सौरभ भारद्वाज और आतिशी का नाम लिया उस वक्त सौरव भारद्वाज कोर्ट रूम में ही मौजूद थे। अपना नाम सुनकर सौरभ एकदम चौंक गए और उन्होंने अपने साथ खड़ी सुनीता केजरीवाल की तरफ देखा। सुनीता ने भी सौरभ की तरफ देखा। खास बात ये है कि जिस वक्त ईडी की ओर से पेश वकील आप के दोनों मंत्रियों का नाम ले रहे थे। उस वक्त सीएम केजरीवाल ने उनकी बात का खंडन तक नहीं किया और चुप्पी साधे रहे। गौर करने वाली बात यह है कि गोवा विधानसभा चुनाव के दौरान आतिशी गोवा चुनाव प्रभारी भी रही हैं। हालांकि, जब शराब नीति लाई गई थी, उस वक्त सौरभ भारद्वाज और आतिशी मंत्री नहीं थे, केवल विधायक और प्रवक्ता थे।

‘पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे केजरीवाल’
ईडी ने कोर्ट को आगे बताया कि केजरीवाल ने अभी तक अपने डिजिटल उपकरणों का पासवर्ड नहीं बताया है, ईडी ने यह भी कहा कि जब भी केजरीवाल से कोई सवाल पूछा जाता है तो वे साफ कहते हैं कि उन्हें नहीं पता है। ईडी ने कहा कि वह पूछताछ में ईडी की बिल्कुल भी पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं। वह अपना फोन भी नहीं दे रहे हैं और जानबूझकर जांच को गुमराह कर रहे हैं। हालांकि, इसी आधार पर जांच एजेंसी ने फिर से उनकी कस्टडी मांगी लेकिन कोर्ट ने कोर्ट ने उन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।

बता दें कि विजय नायर कुछ साल तक आम आदमी पार्टी के कम्युनिकेशन प्रभारी रहे हैं। वो कोई पार्टी के सामान्य कार्यकर्ता नहीं है, बल्कि वो सीएम केजरीवाल के काफी करीबी माने जाते रहे हैं। दिल्ली शराब नीति मामले में नामजद आरोपियों में गिरफ्तार होने वाले विजय नायर पहले आरोपी थे। दिल्ली शराब कांड में उनसे पहले सीबीआई पूछताछ कर चुकी है। पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। विजय नायर OML यानी ओनली मच लाउडर कंपनी के सीईओ और डायरेक्टर भी रहे हैं। यह एक एंटरटेनमेंट और इवेंट मीडिया कंपनी हैं। 2018 में इन पर #MeToo कैंपेन में आरोप भी लगे थे। इसके बाद इनका नाम काफी सुर्खियों में आया था।

 

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