'महिला रेप नहीं कर सकती, लेकिन उकसा सकती है.... ' हाईकोर्ट का फैसला'महिला रेप नहीं कर सकती, लेकिन उकसा सकती है.... ' हाईकोर्ट का फैसला

RAPE NEWS: ‘महिला रेप नहीं कर सकती, लेकिन उकसा सकती है…. ‘ हाईकोर्ट का फैसला

मध्यप्रदेश : मध्यप्रदेश के हाईकोर्ट की जस्टिस प्रमोद कुमार अग्रवाल की एकल पीठ ने यह निर्णय सुनाया है। मामला मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल का है, दरअसल भोपाल के छोला मंदिर इलाके में 21 अगस्त 2022 को महिला ने एफआईआर दर्ज कराई थी कि मेरे पड़ोस में रहने वाले युवक अभिषेक गुप्ता ने शादी का प्रस्ताव रखा था जिसके लिए मैं सहमत हो गई। अपनी रजामंदी बताने जब मैं उनके घर गई तो लड़के के भाई और मां ने मुझे जबरन एक कमरे में बंद कर दिया जिसके बाद आरोपी लड़के ने मुझसे शारीरिक संबंध बनाए। पीड़ित महिला के मुताबिक आरोपी ने एक बार नहीं कई बार उसे घर बुलाकर शारीरिक संबंध बनाए। यहां तक कि सगाई भी कर ली लेकिन बाद में शादी से मुकर गया

इस मामले में महिला की शिकायत पर धारा 376 छियत्तर, 109, 506 के तहत आरोपी लड़के अभिषेक गुप्ता पर मामला दर्ज किया गया साथ ही उसकी मां और भाई को भी पूरे मामले में सह आरोपी बनाया गया। एफआईआर दर्ज होने के बाद आरोपियों ने सुनवाई के लिए भोपाल सेशन कोर्ट में आवेदन दिया जो खारिज हो गया। फैसले को चुनौती देते हुए आरोपी हाईकोर्ट पहुंचे। सेशन कोर्ट में मामला खारिज हो जाने के बाद आरोपियों ने मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी।   लेकिन, हाईकोर्ट ने सेशन कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए आरोपी अभिषेक और उसकी मां और भाई को सह आरोपी बनाए जाने के फैसले को सही ठहराया और टिप्पणी करते हुए कहा कि “पीड़िता से रेप के दौरान आरोपी की मां और भाई वहां मौजूद थे।

ऐसे में उनकी संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कड़े शब्दों में कहा कि “महिला रेप भले न कर सके लेकिन उसके लिए उकसा जरूर सकती है” लिहाजा आरोपी की मां और भाई को भी इन्हीं धाराओं में सह आरोपी बनाया जाए। मामले की सुनवाई जस्टिस प्रमोद अग्रवाल और प्रशांत की युगलपीठ ने की

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