उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में एक गंभीर घटना सामने आई है, जहां बीजेपी के नगर पंचायत अध्यक्ष पवन अनुरागी पर आरोप है कि उन्होंने दो पत्रकारों को बंधक बना कर उनकी पिटाई की। इस मामले ने तूल पकड़ लिया है, जिसके कारण कई पत्रकार संगठनों ने निंदा की है और समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार को कानून व्यवस्था के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

घटना का विवरण

यह मामला हमीरपुर के थाना जरिया क्षेत्र के सरीला नगर पंचायत का है। आरोप है कि पवन अनुरागी ने स्थानीय पत्रकारों अमित द्विवेदी और शैलेंद्र मिश्रा को मुलाकात के बहाने अपने घर बुलाया। वहां, आरोप के अनुसार, उन्हें जबरन शराब पिलाई गई और फिर निर्वस्त्र कर उनकी पिटाई की गई। इस पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिससे घटना की गंभीरता बढ़ गई है।

शिकायत और कार्रवाई

पत्रकारों ने इस घटना की शिकायत पुलिस में की, जिसके बाद नगर पंचायत अध्यक्ष सहित छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने प्रारंभ में इस मामले को ठंडे बस्ते में डालने का प्रयास किया, लेकिन जब मामला मीडिया में सामने आया, तब एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया।

अपर पुलिस अधीक्षक मनोज गुप्ता के अनुसार, मुख्य आरोपी अभी भी फरार है, जबकि अन्य आरोपियों पर कार्रवाई जारी है। इस घटना ने न केवल स्थानीय पत्रकारों में भय का माहौल पैदा किया है, बल्कि इससे पत्रकारों के सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल भी उठे हैं।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

इस घटना ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचाई है। समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि यह घटना कानून व्यवस्था की खराब स्थिति को दर्शाती है। उन्होंने मांग की है कि सरकार इस मामले में सख्त कार्रवाई करे और दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाई जाए।

पत्रकारों का समर्थन

कई पत्रकार संगठनों ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और पीड़ित पत्रकारों के समर्थन में आवाज उठाई है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई की जाए।

इस घटना ने हमीरपुर में पत्रकारों के खिलाफ हो रही हिंसा और उत्पीड़न के मामलों को एक बार फिर उजागर किया है, जिससे स्थानीय पत्रकारों में असुरक्षा का माहौल व्याप्त है। अब यह देखना होगा कि सरकार और पुलिस इस मामले में आगे क्या कदम उठाती हैं।

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