दिल्ली के रोहिणी में हाल ही में हुए बम धमाके ने सुरक्षा एजेंसियों को चौकस कर दिया है। यह धमाका प्रशांत विहार में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के स्कूल के पास हुआ, जहां धमाके की आवाज दो किलोमीटर दूर तक सुनी गई। इस घटना ने न केवल स्थानीय निवासियों को भयभीत किया, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी चिंता का विषय बन गया है।
धमाके का विवरण
रविवार की सुबह करीब 7:47 बजे हुए इस धमाके के बाद, आसपास के क्षेत्रों में धुएं और तेज दुर्गंध फैल गई। पुलिस उपायुक्त अमित गोयल के अनुसार, रविवार की छुट्टी के कारण स्कूल के बच्चे वहां मौजूद नहीं थे, जिससे बड़ा हादसा टल गया। हालांकि, धमाके से स्कूल की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई और आसपास की कई गाड़ियों और दुकानों के शीशे टूट गए।
जांच की प्रक्रिया
घटना की जानकारी मिलते ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और अन्य केंद्रीय एजेंसियों ने घटनास्थल का निरीक्षण शुरू किया। एनएसजी (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड) की टीम भी मौके पर पहुंच गई और स्थिति को नियंत्रित किया। प्रारंभिक जांच में देसी बम से धमाके की आशंका जताई जा रही है। पुलिस ने घटनास्थल से सफेद पाउडर और कुछ तारनुमा चीजें बरामद की हैं, जो क्रूड बम के मटेरियल हो सकते हैं।
खालिस्तानी आतंकियों का दावा
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार, धमाके के बाद पाकिस्तान से चलने वाले टेलीग्राम चैनलों पर खालिस्तानी आतंकियों के शामिल होने का दावा किया गया है। एक चैनल ‘जस्टिस लीग इंडिया’ पर इस घटना की सीसीटीवी फुटेज साझा की गई थी, जिसके बाद इस संदेश को अन्य चैनलों पर फैलाया गया। इस संदर्भ में, दिल्ली पुलिस ने टेलीग्राम मैसेंजर को पत्र लिखकर इस चैनल की जानकारी मांगी है।
स्थानीय सुरक्षा स्थिति
इस घटना के बाद, दिल्ली पुलिस ने आसपास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी है और अन्य स्थानों पर भी अलर्ट रहने के लिए कहा है। दिल्ली में पिछले 13 वर्षों में यह पहला मौका है जब इस तरह का धमाका हुआ है। इससे पहले 2011 में दिल्ली हाईकोर्ट में धमाका हुआ था, जिसमें कई लोग मारे गए थे।
घटना का सामाजिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव
इस धमाके ने रोहिणी के स्थानीय निवासियों में भय और असुरक्षा की भावना को बढ़ा दिया है। लोग अब अपने आसपास की सुरक्षा को लेकर ज्यादा सतर्क हो गए हैं। मोहल्ले में शोक की स्थिति है, और लोग इस घटना के बारे में चर्चा कर रहे हैं। कुछ घरों में सोमवार को चूल्हे तक नहीं जले।
सरकारी प्रतिक्रिया
घटना की गंभीरता को देखते हुए, गृह मंत्रालय ने पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। एसडीएम साक्षी शर्मा और तहसीलदार धर्मेंद्र सिंह ने मौके पर पहुंचकर पीड़ित परिवारों को सांत्वना दी और हर संभव मदद का आश्वासन दिया।