Haryana assembly elections: हरियाणा विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद आए एग्जिट पोल में पूर्ण बहुमत से कांग्रेस की सरकार बन रही है। कांग्रेस कार्यकर्ता तो जश्न भी मनाने लगे हैं लेकिन इस जीत की आस को लेकर ही कांग्रेस में सीएम पद की दावेदारी को लेकर युद्ध छिड़ गया है। हांलाकि कांग्रेस हाईकमान भी अब मुख्यमंत्री पद को लेकर छिड़ी दावेदारी को लेकर सामंजस्य बिठाने में जुट गई है।
गौरतलब है कि हरियाणा में मुख्यमंत्री पद के तीनों प्रमुख दावेदार हैं इनमें पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, सिरसा से सांसद और दलित नेता कुमारी सैलजा और राहुल गांधी के करीबी रणदीप सिंह सुरजेवाला तीनों ही नेता खुद को मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल बता रहे हैं। एग्जिट पोल से बाद से ही तीनों अपने-अपने समर्थकों को एकजुट रखते हुए रणनीति बनाने में जुट गए हैं…एक तरफ जहां पूर्व सीएम हुड्डा जहां सधे कदमों से दांव चल रहे हैं।Haryana assembly elections
वहीं कुमारी सैलजा ने रविवार को भी मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी जताने से कोई गुरेज नहीं किया। वरिष्ठ नेताओं के बीच चल रही इस रस्साकशी से चुनाव नतीजे आने के साथ ही और तेज होने को देखते हुए ही कांग्रेस हाईकमान ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों के चयन से लेकर उन्हें चंडीगढ़ भेजने की रूपरेखा तैयार करनी शुरू कर दी है। गौरतलब है कि कांग्रेस हाईकमान ने हरियाणा में मुख्यमंत्री चेहरा घोषित नहीं किया था। रणनीति के तहत बिना चेहरे के ही चुनाव लड़ा गया हालांकि, पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहले दो बार सीएम रह चुके हैं और तीसरी बार के लिए भी मजबूत दावेदार हैं।Haryana assembly elections
कुमारी सैलजा मतदान से पहले ही सोनिया गांधी से मुलाकात कर चुकी हैं। हुड्डा और सुरजेवाला भी जल्द ही हाईकमान के दरबार पहुंच सकते हैं । पार्टी सूत्रों ने बताया कि विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों की घोषणा तो मंगलवार को नतीजे आने के बाद ही की जाएगी लेकिन, पार्टी के वरिष्ठ रणनीतिकार इसकी तैयारियों में अभी से जुटे हुए हैं।संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और कोषाध्यक्ष अजय माकन हरियाणा की चुनावी रणनीति का शीर्ष नेतृत्व की ओर से संचालन कर रहे हैं।Haryana assembly elections
लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी भी चुनाव नतीजों के दिन दिल्ली में ही रहेंगे। कांग्रेस में चुनाव परिणाम आने के बाद नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर कांग्रेस अध्यक्ष को सीएम का नाम तय करने के लिए अधिकृत किया जाता है। हालांकि, इस दौरान केंद्रीय पर्यवेक्षक सभी विधायकों से मुख्यमंत्री के तौर पर उनकी पसंद पूछते हैं।Haryana assembly elections