नवरात्रि का पर्व भारत में विशेष महत्व रखता है, खासकर उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में, जहाँ मां विंध्यवासिनी का मंदिर एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। इस दौरान मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, और सरकार की ओर से सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए अधिकारियों की तैनाती की जाती है।
मामला तब शुरू हुआ जब सेक्टर मजिस्ट्रेट प्रतीक कुमार सिंह को अष्टभुजा के पास मेले में तैनात किया गया था। उनके कर्तव्यों के तहत, उन्हें सुनिश्चित करना था कि मेला और मंदिर में सभी व्यवस्थाएं सुचारु रूप से चलें। लेकिन, उन्होंने अपने ड्यूटी प्वाइंट को छोड़कर मां विंध्यवासिनी मंदिर में जाने का निर्णय लिया, जहाँ वे परिवार के साथ गए थे।
इस दौरान, बीजेपी विधायक रत्नाकर मिश्रा वहां पहुंचे। उन्होंने प्रतीक कुमार सिंह का आईकार्ड देखा और उसकी अनुपस्थिति पर सवाल उठाए। विधायक ने गुस्से में आकर अधिकारी को जमकर फटकार लगाई। उनकी फटकार का कारण था कि अधिकारी ने अपने कर्तव्यों का पालन नहीं किया और धार्मिक स्थल पर अनुचित तरीके से उपस्थित रहे।
इस घटना के बाद, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) की एक टीम ने मामले की जांच शुरू की। जांच के दौरान यह पाया गया कि प्रतीक कुमार सिंह ने अपनी ड्यूटी प्वाइंट को छोड़कर बिना किसी अनुमति के मंदिर में जाना उचित नहीं था। यह न केवल उनके कर्तव्यों की अवहेलना थी, बल्कि इससे मेला में सुरक्षा व्यवस्था पर भी असर पड़ सकता था।
उपनिदेशक कृषि विकेश पटेल ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए प्रतीक कुमार सिंह को निलंबित करने का निर्णय लिया। इस कार्रवाई का उद्देश्य यह स्पष्ट करना था कि सरकारी अधिकारियों को अपने कर्तव्यों के प्रति गंभीर रहना चाहिए और उन्हें अनुशासन का पालन करना चाहिए।