दुर्गा पूजा का माहौल

दिल्ली के सीआर पार्क में नवरात्रि के उत्सव के तहत पश्चिम बंगाल की दुर्गा पूजा धूमधाम से मनाई जा रही है। श्रद्धालुओं को विशेष रूप से तैयार किए गए पंडालों में अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का अनुभव करने का अवसर मिल रहा है। यहां पंडालों की सजावट में सिंदूर खेला, धुनुची नृत्य और बच्चों के लिए कई तरह के कार्यक्रम शामिल हैं।

पंडालों की विशेषताएं

राजधानी में विभिन्न स्थानों पर पंडालों को विभिन्न थीमों पर सजाया गया है। जैसे:

  • सीआर पार्क बी-ब्लॉक: काशी विश्वनाथ मंदिर की थीम पर आधारित पंडाल।
  • डीडीयू मार्ग: विक्टोरिया मेमोरियल की सजावट।
  • आरके आश्रम और मंदिर मार्ग: दुर्गा मां की भव्य प्रतिमाएं।

इस बार आराम बाग पूजा समिति के पंडालों में दुर्गा मां के हाथों में युद्ध के हथियारों के बजाय फूल रखे जाएंगे।

विशेष कार्यक्रम

  1. सिंदूर खेला: यह एक पारंपरिक रस्म है जिसमें विवाहित महिलाएं मां दुर्गा को सिंदूर चढ़ाकर उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करती हैं।
  2. धुनुची नृत्य: यह एक लोकप्रिय नृत्य है जिसे भक्त लोग पूजा के समय करते हैं।
  3. बच्चों के कार्यक्रम: पंडालों में बच्चों के लिए कई मनोरंजक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।

सांस्कृतिक कार्यक्रम

पश्चिम बंगाल के कलाकार विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे। इनमें नृत्य, संगीत और नाटक शामिल हैं, जो न केवल पारंपरिक बल्कि आधुनिक शैली में भी प्रस्तुत किए जाएंगे।

महत्वपूर्ण तिथियां

दुर्गा पूजा का उत्सव विभिन्न धार्मिक गतिविधियों के साथ-साथ मनाया जाएगा। महत्वपूर्ण तिथियां इस प्रकार हैं:

  • 8 अक्टूबर: देवी बोधन षष्ठी दिवस पर शाम 7:32 बजे से षष्ठी पूजा।
  • 11 अक्टूबर: महाअष्टमी पूजा सुबह 7 बजे से शाम 7:30 बजे तक।
  • 12 अक्टूबर: महानवमी पूजा सुबह 7 बजे से शाम 7:30 बजे तक।
  • 13 अक्टूबर: विजयादशमी पूजा सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक।

नवरात्र महोत्सव

नवरात्र के तीसरे दिन, श्रद्धालुओं ने मां चंद्रघंटा की विधिवत पूजा-अर्चना की। यह दिन विशेष रूप से मां चंद्रघंटा को समर्पित होता है, जो शक्ति, साहस और सौम्यता का प्रतीक मानी जाती हैं। मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही, जिसमें उन्होंने विभिन्न धार्मिक क्रियाकलापों में भाग लिया।

श्रद्धालुओं का उत्साह

श्रद्धालुओं ने विशेष तैयारी के साथ मंदिरों में पहुंचकर पूजा अर्चना की। उन्होंने समूहों में देवी के भजन और कीर्तन का आयोजन किया, जिससे पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। झंडेवाला माता मंदिर में विदेशी पर्यटक भी इस विशेष अवसर पर पूजा करने के लिए आए।

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