चुनाव प्रचार का नया अंदाज
हरियाणा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोनीपत जिले के बड़वासनी गांव में एक गरीब परिवार के घर जाकर न केवल खाना खाया, बल्कि स्थानीय मुद्दों पर भी चर्चा की। यह कदम उनकी चुनावी रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वे आम जनता के साथ जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा और बजरंग पुनिया भी मौजूद थे।
बड़वासनी गांव में गर्मजोशी से स्वागत
सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक वीडियो में देखा जा सकता है कि महिलाएं मिट्टी के चूल्हे पर खाना बना रही हैं और राहुल गांधी का स्वागत कर रही हैं। उन्होंने एक गिलास लस्सी पी, जो स्थानीय संस्कृति का प्रतीक है। इस अवसर पर, राहुल ने वहां मौजूद महिलाओं से बेरोजगारी और मादक पदार्थों की समस्या जैसे मुद्दों पर बातचीत की।
महिलाओं की चिंताएं
एक महिला ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई, और कहा कि मादक पदार्थों की समस्या बढ़ रही है। राहुल ने इस पर सहमति जताते हुए कहा कि यह समस्या पहले पंजाब में होती थी, लेकिन अब हरियाणा में भी इसका असर दिखाई दे रहा है। एक अन्य महिला ने बेरोजगारी का मुद्दा उठाया, यह कहते हुए कि स्नातक युवाओं के पास नौकरी नहीं है, जिससे वे सामाजिक बुराइयों का शिकार हो रहे हैं।
गोहाना में जलेबी का आनंद
बड़वासनी के दौरे के बाद, राहुल गांधी गोहाना पहुंचे जहां उन्होंने मातूराम हलवाई की जलेबी का स्वाद चखा। मंच पर खड़े होकर उन्होंने कहा, “मैंने गाड़ी में जलेबी चखी और अपनी बहन प्रियंका को मैसेज भेजा कि आज मैंने जिंदगी की सबसे अच्छी जलेबी खाई है। मैं तुम्हारे लिए भी जलेबी का एक डिब्बा ला रहा हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि ये जलेबी न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में जानी चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना
राहुल गांधी ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, “अगर ये जलेबी देश और विदेश में जाएगी, तो शायद इनकी दुकान फैक्ट्री में बदल जाएगी और हजारों लोगों को काम मिल जाएगा। लेकिन मोदी ने छोटे दुकानदारों को चक्रव्यूह में फंसा रखा है। बैंक छोटे व्यवसायियों को लोन नहीं देते, लेकिन अडानी और अंबानी को देते हैं।”
राहुल ने आगे कहा कि हरियाणा में व्यापारियों को विदेशों से फोन करके फिरौती मांगी जा रही है और उन्हें डराया-धमकाया जा रहा है। यह बयान राज्य की वर्तमान स्थिति को उजागर करता है, जहां छोटे व्यवसायियों को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।