आज की ये स्टोरी आपको सुनने में बेश्क अटपटी सी लगेगी लेकिन यही असल में भक्ति है। एक महिला भगवान को अपने बेटे की तरह प्यार करती दुलार करती है। आगरा के नूरी दरवाजे की रहने वाली टीचर अलका सिंह का लड्डू गोपाल के प्रति इतना प्रेम है कि वो उन्हें अपने बेटे की तरह मानकर न केवल उनकी देखभाल करती हैं बल्कि उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में भी आगे बढ़ाने का संकल्प लिया है। उन्होंने अपने लड्डू गोपाल का नाम केशव रखा है। उन्होंने अपने केशव का एडमिशन स्कूल में करवाया है. हर रोज अपने लड्डू गोपाल को स्कूल पढ़ने के लिए भेजती हैं। घर बैठकर उन्हें पढ़ाती हैं। होमवर्क करवाती हैं, उन्हें खुद अपने हाथों से उनका लंच और ड्रेस तैयार करती हैं।

बता दें कि, लड्डू गोपाल केशव 5 साल के हैं और वह नर्सरी में पढ़ रहे हैं। नूरी दरवाजे की रहने वाली अलका अग्रवाल बेसिक स्कूल में टीचर हैं।  उनकी सहेली बबीता वर्मा ने पांच साल पहले 25 सितंबर को उनके जन्मदिन पर भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल उपहार में दिए। अलका ने लड्डू गोपाल को मंदिर में रख दिया। दिसंबर में बबीता उनसे मिलने घर आईं. बोली- लल्ला से मिलवाओ। मंदिर में लड्डू गोपाल को देखकर वह बहुत गुस्सा हुईं और अलका को डांट भी दिया कि यह बच्चे हैं। लड्डू गोपाल को ऐसे कैसे ठंड में रखा है. इन्हें समय से खाना-पानी नहीं देती हो। इस बात पर अलका को हंसी आई, लेकिन बाद में बेचैनी बढ़ती गई।

उन्होंने आगे बताया कि, अब वह दिन-रात इसी उधेड़बुन में रहीं कि लड्डू गोपाल को ठंड लग रही होगी. यहीं से हृदय में भक्ति का बीज उगा फिर यूट्यूब से देखकर गर्म पोशाक तैयार की. इसके बाद लड्डू गोपाल को ईश्वर के रूप में नहीं बल्कि अपने बेटे के रूप में देखने लगीं, अपनी जेठानी मीनू के साथ पोशाकें तैयार करने लगीं. उनका नाम केशव रखा. केशव जब तीन साल के हुए तो घर में ही पढ़ाई शुरू कर दी। 

बता दें कि, केशव मदर हार्ड स्कूल में पढ़ने जाते हैं. वह नर्सरी में पढ़ाई कर रहे हैं। केशव की टीचर क्लास वर्क और होमवर्क अलका को मोबाइल व्हाट्सएप पर भेजते हैं। घर में बैठकर अलका उनका होमवर्क कंप्लीट करती हैं उनसे पूछा कि केशव कैसे पढ़ते हैं तो अलका बोलीं कि वो रात में सपने में आकर मुझे सब सुनाते हैं।

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