उत्तर प्रदेश के माफिया मुख्तार अंसारी का थोड़ी देर में परिवार के सामने बांदा में पोस्टमॉर्टम होगा। तीन डॉक्टरों का पैनल पोस्टमॉर्टम करेगा। इसके बाद शव उनके बेटे उमर अंसारी को सौंपा जाएगा। आज गाजीपुर के कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया जा सकता है।
मुख्तार की मौत के बाद शासन से गाजीपुर-मऊ समेत पूरे उत्तर प्रदेश में धारा 144 लगा दी है। सुरक्षा के मद्देनजर सभी डीएम-एसपी को अलर्ट किया गया है। संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ा दी गई है। आज जुमे की नमाज है। इसलिए संवेदनशील क्षेत्रों में मस्जिदों पर फोर्स तैनात है। सोशल मीडिया की विशेष निगरानी जा रही है।
मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी बांदा में हैं। उन्होंने अपने पिता को स्लो पॉइजन देकर मारने का आरोप लगाया है।
मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी ने कहा कि मुझे मौत की खबर मीडिया से मिली। मुख्तार 18 मार्च से बहुत बीमार थे। उन्हें कोई इलाज नहीं दिया जा रहा था। 25-26 मार्च की रात को उनकी हालत बहुत खराब थी। औपचारिकता के तौर पर उन्हें कुछ घंटों के लिए मेडिकल कॉलेज लाया गया। उन्हें वापस भेज दिया गया और कहा गया कि उनकी हालत स्थिर है। परिवार ने महीनों पहले हत्या की आशंका जता दी थी। हाईकोर्ट के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट को भी लिखित में दिया गया था लेकिन कोई संज्ञान नहीं लिया गया।
यूपी के पूर्व डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि मुख्तार लंबे समय से बीमार थे। यह आरोप लगाना कि उन्हें जहर दिया गया बिल्कुल बेबुनियाद आरोप है। पोस्टमॉर्टम होने के बाद स्थिति बिल्कुल स्पष्ट हो जाएगी।
मुख्तार अंसारी के जीवन के अंतिम 8 दिन ऐसा रहा
20 मार्च: मुख्तार के वकील ने 19 मार्च को खाने में जहर देने का आरोप लगाया।
21 मार्च: बाराबंकी कोर्ट में मुख्तार के वकील ने बांदा जेल में साजिश रचे जाने का प्रार्थना पत्र दिया।
24 मार्च: बांदा जेल के जेलर, 2 डिप्टी जेलर सस्पेंड। लापरवाही का आरोप लगा।
25 मार्च: मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ी। उसे पेट में रात 3 बजे अचानक तेज दर्द उठा।
26 मार्च: तबीयत खराब होने के कारण मुख्तार को रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज लाया गया। उसी शाम उसे फिर जेल वापस ले जाया गया।
27 मार्च: एमपी/एमएलए कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर हत्या की साजिश का आरोप लगाया। शाम को जेल प्रशासन से कोर्ट ने रिपोर्ट मांगी।
28 मार्च: फिर तबीयत बिगड़ने पर उसे मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
26 मार्च से खराब थी मुख्तार की तबीयत
26 मार्च को मुख्तार अंसारी की तबीयत खराब हुई थी। उसी दिन देर शाम जब मुख्तार को मेडिकल कॉलेज से वापस मंडलीय कारागार लाया गया तभी से उन्हें अपनी तबीयत पूरी तरह से ठीक नहीं लग रही थी। सूत्रों के मुताबिक, रात को दवा खाने से पहले उन्होंने हल्का सा भोजन किया था। इसके बाद बुधवार को उन्होंने सिर्फ फल ही खाए। गुरुवार को भी उन्होंने थोड़ी सी खिचड़ी खाई थी।
इसके बाद उन्होंने फिर से पेट में ऐंठन की शिकायत की। डॉक्टरों की टीम ने जांच की और इसके कुछ ही देर बाद एडीएम राजेश कुमार भी उनका हाल जानने कारागार पहुंचे थे। बाद शाम सात बजे के आसपास दोबारा तबीयत खराब होने की शिकायत पर डॉक्टरों के अलावा प्रशासन के अधिकारी भी कारागार पहुंचे और उन्हें इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज पहुंचाया, मगर जान चली गई।
मुख्तार की मौत पर सियासत जारी
बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर लिखा कि मुख्तार अंसारी की जेल में मौत को लेकर उनके परिवार ने जो आशंकाएं और गंभीर आरोप लगाए हैं, उनकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। ताकि उनकी मौत के तथ्य सामने आ सकें।
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मुख्तार की मौत पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पूर्व मुख्तार ने जेल में जहर दिए जाने की शिकायत की थी, फिर भी गंभीरता से नहीं लिया गया। प्रथम दृष्टया ये न्यायोचित और मानवीय नहीं लगता। संवैधानिक संस्थाओं को ऐसे विचित्र मामलों व घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लेना चाहिए।
महान दल के नेता केशव देव मौर्य ने कहा कि भाजपा सरकार की नजर में मुख्तार अंसारी माफिया थे। लेकिन बृजेश सिंह, सुशील सिंह, चुलबुल सिंह, बृजभूषण शरण सिंह संत महात्मा हैं। ऐसी पक्षपाती सरकार को उखाड़ फेंकना नितांत आवश्यक है।
समाजवादी पार्टी ने मुख्तार अंसारी को श्रद्धांजलि दी। एक्स पोस्ट में लिखा कि पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी जी का इंतकाल, दुःखद। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें।