लेबनान के हिज़बुल्ला प्रमुख हसन नसरल्ला की मौत की पुष्टि इस्राइली सेना ने की है, जो एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है। इस्राइली सेना (IDF) ने बताया कि नसरल्ला और उनके सहयोगी, हिज़बुल्ला के दक्षिणी मोर्चे के प्रमुख अली काराकी, एक हवाई हमले में मारे गए हैं। यह हमला बेरूत के दक्षिणी उपनगर में हिज़बुल्ला के मुख्यालय पर किया गया, जो रिहायशी इमारतों के नीचे भूमिगत स्थित था।
इस्राइली सेना ने बताया कि शुक्रवार को किए गए इस हवाई हमले में कई अन्य शीर्ष कमांडर्स की भी मौत हुई है। हमले के बाद, इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिका में अपने दौरे को अचानक समाप्त कर इस्राइल लौटने का निर्णय लिया, जिससे यह संकेत मिलता है कि यह घटना इज़राइल के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण थी।
हसन नसरल्ला ने 1992 से हिज़बुल्ला का नेतृत्व किया और उन्हें संगठन का सबसे शक्तिशाली नेता माना जाता है। उनके नेतृत्व में, हिज़बुल्ला ने इस्राइल के खिलाफ कई महत्वपूर्ण संघर्षों का संचालन किया है, जिससे वे एक मजबूत राजनीतिक और सैन्य ताकत बन गए हैं। उनके मारे जाने से हिज़बुल्ला के भविष्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
इस हमले में नसरल्ला की बेटी, जैनब नसरल्ला, और कई अन्य वरिष्ठ कमांडर्स की भी मौत हुई है। इससे पहले, हिज़बुल्ला की मिसाइल यूनिट के प्रमुख मोहम्मद अली इस्माइल और उनके डिप्टी हुसैन अहमद इस्माइल की भी मौत की खबरें आई थीं।
हिज़बुल्ला की यह गंभीर क्षति इज़राइल के लिए एक रणनीतिक जीत मानी जा रही है, लेकिन इसके परिणामस्वरूप क्षेत्र में तनाव बढ़ने की आशंका भी है। इस्राइली सेना ने हिज़बुल्ला के खिलाफ अपने आक्रमण को जारी रखा है, जिसमें सीरिया में भी हमास के एक प्रमुख नेता को मारा गया है।
हसन नसरल्ला की मौत ने हिज़बुल्ला और उसके समर्थकों के लिए एक बड़ा झटका दिया है। यह स्थिति न केवल लेबनान बल्कि समस्त मध्य पूर्व में जटिलताओं को बढ़ा सकती है। आगे क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा, क्योंकि हिज़बुल्ला का अगला कदम क्या होगा, यह तय करेगा कि क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति कैसे विकसित होती है।