भारतीय क्रिकेट के सितारे विराट कोहली अपने शानदार खेल के लिए जाने जाते हैं। जब भी वह बल्लेबाजी के लिए उतरते हैं, किसी न किसी रिकॉर्ड को तोड़ने की संभावना रहती है। वर्तमान में भारत और बांग्लादेश के बीच चल रही टेस्ट सीरीज में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है। पहले मैच में भारतीय टीम ने 280 रनों से जीत दर्ज की, लेकिन उस दौरान विराट कोहली का बल्ला खामोश रहा।

पहले मैच में कोहली की पारी

पहले टेस्ट मैच में कोहली की बल्लेबाजी प्रभावित नहीं कर पाई, लेकिन उन्होंने दूसरी पारी में 17 रन बनाते हुए घरेलू मैदान पर 12,000 रन का आंकड़ा पूरा किया। इस उपलब्धि के साथ ही वह सचिन तेंदुलकर के बाद यह मुकाम हासिल करने वाले भारत के दूसरे बल्लेबाज बन गए। सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर में 12,000 रन घरेलू मैदान पर बनाने का रिकॉर्ड बनाया था, जिसे कोहली ने अब छू लिया है।

दूसरे टेस्ट मैच की तैयारी

अब दूसरी टेस्ट की ओर बढ़ते हुए, कोहली की नजरें सचिन तेंदुलकर के एक बड़े रिकॉर्ड पर हैं। उन्हें 27,000 रन के ऐतिहासिक आंकड़े को छूने के लिए केवल 35 रन की जरूरत है। यदि कोहली ऐसा करने में सफल होते हैं, तो वह 600 से कम पारियों में 27,000 रन बनाने वाले पहले क्रिकेटर बन जाएंगे।

सचिन का रिकॉर्ड

सचिन तेंदुलकर ने 27,000 रन बनाने का रिकॉर्ड 623 पारियों में बनाया था। वहीं, विराट कोहली के नाम 593 पारियों में 26,965 रन दर्ज हैं। यदि कोहली अपनी फॉर्म में लौटते हैं और दूसरे टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो वह सचिन के रिकॉर्ड को तोड़ सकते हैं। इस मामले में, कोहली के अलावा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में केवल तीन बल्लेबाजों ने ही 27,000 रन का आंकड़ा पार किया है: सचिन तेंदुलकर, कुमार संगकारा, और रिकी पोंटिंग।

कानपुर में दूसरा टेस्ट

भारत-बांग्लादेश के बीच दूसरा टेस्ट मैच कानपुर में 27 अक्टूबर से खेला जाएगा। यह मैच ग्रीन पार्क स्टेडियम में होगा, जहां भारतीय टीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पहले टेस्ट मैच में, भारतीय टीम ने पारी और 280 रनों से जीत हासिल की थी। इस मैच में रविचंद्रन अश्विन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पहली पारी में शतक और दूसरी पारी में छह विकेट लिए, जिसके लिए उन्हें ‘मैन ऑफ द मैच’ का पुरस्कार मिला।

कोहली का निरंतर प्रदर्शन

कोहली का रिकॉर्ड और उनका निरंतर प्रदर्शन इस बात को दर्शाता है कि वह क्रिकेट के आधुनिक युग में एक अद्वितीय प्रतिभा हैं। उनकी बल्लेबाजी शैली, तकनीक और समर्पण ने उन्हें भारतीय क्रिकेट में एक खास स्थान दिलाया है। कई क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कोहली इसी तरह से खेलते रहे, तो वह न केवल सचिन के रिकॉर्ड को तोड़ देंगे, बल्कि क्रिकेट इतिहास में एक नई मिसाल भी कायम करेंगे।

विराट कोहली की मानसिकता हमेशा सकारात्मक रहती है। वह अपने खेल में सुधार के लिए निरंतर प्रयासरत रहते हैं और रिकॉर्ड्स तोड़ने की ललक उन्हें और भी मेहनती बनाती है। उनका मानना है कि हर पारी में कुछ नया करने की कोशिश करनी चाहिए और यही सोच उन्हें सफल बनाती है।

विराट कोहली की क्रिकेट में उपस्थिति और उनके रिकॉर्ड्स आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगे। क्रिकेट का भविष्य निश्चित रूप से कोहली जैसे खिलाड़ियों पर निर्भर करता है, जो न केवल खेल में बल्कि खेल के बाहर भी एक सकारात्मक छवि पेश करते हैं।

By admin