हर साल 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है, और इस वर्ष यह विशेष महत्व रखता है। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इस अवसर पर एक वीडियो संदेश जारी कर देशवासियों को शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष का हिंदी दिवस हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हिंदी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किए जाने के 75 वर्षों की हीरक जयंती का साल है।
14 सितंबर 1946 को भारत की संविधान सभा ने हिंदी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया था। इसके परिणामस्वरूप, हिंदी सरकारी कामकाज की प्रमुख भाषा बन गई। अमित शाह ने इस बात को रेखांकित किया कि हिंदी की यह हीरक जयंती सभी भारतीय भाषाओं के लिए महत्वपूर्ण है।
अमित शाह ने अपने संदेश में कहा कि हिंदी और स्थानीय भाषाओं के बीच कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है। हिंदी, हर स्थानीय भाषा की मित्र है और स्थानीय भाषाएं भी हिंदी को ताकत देती हैं। उन्होंने उदाहरण के तौर पर राजगोपालाचारी, महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, लाला लाजपत राय और सरदार वल्लभभाई पटेल का नाम लिया, जो सभी गैर-हिंदी भाषी क्षेत्रों से आते थे, लेकिन हिंदी के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई।
शाह ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में पीएम मोदी के नेतृत्व में हिंदी और स्थानीय भाषाओं को सशक्त बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। पीएम मोदी ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हिंदी में भाषण देकर हिंदी के महत्व को बढ़ावा दिया और नई शिक्षा नीति में ‘प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में’ को महत्व देकर स्थानीय भाषाओं को और हिंदी को नया जीवन दिया है।
अमित शाह ने यह भी जानकारी दी कि राजभाषा विभाग एक नया पोर्टल लाने की योजना बना रहा है, जो आठवीं अनुसूची की सभी भाषाओं में हिंदी से अनुवाद की सुविधा प्रदान करेगा। इस पोर्टल के माध्यम से पत्रों और भाषणों का अनुवाद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके बहुत कम समय में किया जा सकेगा, जिससे भाषा की विविधता को सशक्त किया जा सकेगा।
हिंदी दिवस के इस खास मौके पर, अमित शाह ने सभी भारतीय भाषाओं के प्रति अपनी सम्मान और समर्पण व्यक्त किया और हिंदी के महत्व को पुनः रेखांकित किया।