बांदा जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ गई है। उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया है। घबराहट, बेचैनी की शिकायत के बाद उसे मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में रखा गया है। सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद है। सोमवार की रात उसे घबराहट और बेचैनी महसूस हुई। इसके बाद उसे पसीना आने लगा। जेल के डॉक्टरों ने इलाज किया, लेकिन हालत में सुधार न होने पर उसे तत्काल बांदा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। मुख्तार की तबीयत को लेकर अभी तक न तो मेडिकल कॉलेज की तरफ से कोई अपडेट दिया गया है और न ही जिला प्रशासन या जेल प्रशासन ने कुछ बताया है।

21 मार्च को मुख्तार ने लगाए थे गंभीर आरोप
मुख्तार अंसारी ने 21 मार्च को बाराबंकी की एमपी एमएलए कोर्ट में पेशी के दौरान आरोप लगाया था कि उसे स्लो पॉइजन दिया जा रहा है। उसने कोर्ट में दिए एप्लीकेशन में कहा कि 19 मार्च की रात खाने में विषाक्त पदार्थ दिया गया, इसकी वजह से तबीयत खराब हो गई। ऐसा लगा कि दम घुट जाएगा। बहुत घबराहट हो रही है। मेरा डॉक्टरों की टीम बनाकर इलाज करवाया जाए।

डॉक्टरों के पैनल ने जेल में मुख्तार अंसारी का चेकअप किया था। कुछ दवाएं भी दी गई थीं। डॉक्टरों ने जेल प्रशासन को बताया था कि रोजा रखने और भूख के बाद ओवरफीडिंग के चलते समस्या हो रही है। बांदा जेल प्रशासन ने मुख्तार के आरोपों को खारिज करते हुए शासन को रिपोर्ट भेजी थी।

दो दिन पहले सस्पेंड हुए तीन जेल अधिकारी
मुख्तार की सुरक्षा में लापरवाही के कारण दो दिन पहले जेलर योगेश कुमार और दो डिप्टी जेलर राजेश कुमार और अरविंद कुमार सस्पेंड कर दिए गए थे। उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी शुरू की गई है। 2 मार्च को डीआईजी जेल प्रयागराज ने बांदा जेल का औचक निरीक्षण किया था। इसके बाद अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी थी। रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि मुख्तार को पेशी पर लाने और ले जाने में लापरवाही बरती गई थी।

2021 से बांदा जेल में बंद मुख्तार
मुख्तार अंसारी 7 अप्रैल 2021 को पंजाब की रोपड़ जेल से बांदा मंडल कारागार लाया गया था। उसे 18 महीने में 8 मुकदमों में अदालत ने सजा सुनाई है। उसे दो बार उम्रकैद हो चुकी है। वर्तमान में उसके खिलाफ 65 मुकदमे लंबित हैं। 21 का विभिन्न अदालतों में ट्रायल चल रहा है।

By admin