Karnal assembly : हरियाणा के करनाल विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के लिए समस्याएँ अभी खत्म नहीं हुई हैं। पूर्व मेयर रेणू बाला गुप्ता, जो मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के चुनावी कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुकी हैं, अब टिकट न मिलने को लेकर नाराज हैं। एक दशक तक इस सीट का नेतृत्व करने वाली करनाल सीट पर टिकट विवाद ने पार्टी को संकट में डाल दिया है।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के बाद, करनाल के सांसद और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल भी पूर्व मेयर रेणू बाला गुप्ता को टिकट न मिलने के मुद्दे पर मनाने पहुंचे हैं। हालांकि, बातचीत के बावजूद अभी तक मामला सुलझ नहीं पाया है। मनोहर लाल ने दावा किया है कि यह समस्या हर बार होती है और नाराज लोगों को मना लिया जाएगा।Karnal assembly

पूर्व मेयर रेणू बाला गुप्ता ने 10 सितंबर को अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में वह आगामी चुनावी रणनीति और निर्णय पर चर्चा करेंगी। गुप्ता ने भाजपा की सांगठनिक गतिविधियों में लगातार सक्रिय रहकर और विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेकर अपनी भूमिका को मजबूती दी है, और अब यह स्पष्ट नहीं है कि वह पार्टी के निर्णय से संतुष्ट हैं या नहीं।Karnal assembly

रेणू बाला गुप्ता भाजपा की सांगठनिक गतिविधियों में सक्रिय रही हैं और करनाल सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही थीं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के कार्यक्रमों में उनकी लगातार उपस्थिति ने उनके राजनीतिक इरादों को स्पष्ट किया है।Karnal assembly

भाजपा ने करनाल विधानसभा सीट के लिए टिकट जगमोहन आनंद को आवंटित किया है, जो मनोहर लाल के करीबी माने जाते हैं। रेणू बाला गुप्ता की दावेदारी को नजरअंदाज करते हुए यह निर्णय लिया गया, जिससे वह खफा हो गईं। गुप्ता ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी व्यक्त की और इसे विश्वासघात और धोखा बताया, जिससे भाजपा में हलचल मच गई है।Karnal assembly

भाजपा के वरिष्ठ नेता इस विवाद को सुलझाने के लिए सक्रिय हैं। शनिवार की रात मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गुप्ता के आवास पर जाकर उन्हें मनाने की कोशिश की। इसके बाद रविवार को केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल भी उनके घर पहुंचे और पार्टी के कार्यों में सहयोग करने की बात कहीKarnal assembly

रेणू बाला गुप्ता ने स्पष्ट किया है कि जबकि सीएम नायब सैनी और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने उन्हें पार्टी के कार्यों में शामिल होने का सुझाव दिया है, उन्होंने अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है। गुप्ता ने 10 सितंबर को शहर के अनमोल गार्डन में एक बैठक बुलाई है, जिसमें वह अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं से रायमशविरा करेंगी। बैठक के बाद ही वह अगले कदम का निर्णय लेंगी।Karnal assembly

भाजपा के लिए यह स्थिति न केवल टिकट विवाद को सुलझाने, बल्कि पार्टी की चुनावी रणनीति को भी प्रभावित कर सकती है। रेणू बाला गुप्ता की बैठक और उनके निर्णय से स्पष्ट होगा कि पार्टी को इस विवाद का सामना कैसे करना होगा और उनकी चुनावी रणनीति पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।Karnal assembly

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