भाजपा के पूर्व सांसद संजय भाटिया ने आगामी विधानसभा चुनावों में खुद उम्मीदवार बनने से इनकार कर दिया है। भाटिया ने भाजपा के प्रदेश प्रभारी विप्लब देव को फोन पर अपनी मंशा साफ करते हुए कहा कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे, बल्कि अन्य उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारने की जिम्मेदारी निभाएंगे।

संजय भाटिया का बयान: पूर्व सांसद संजय भाटिया ने भाजपा के प्रदेश प्रभारी विप्लब देव को फोन करके स्पष्ट किया कि वे आगामी चुनावों में खुद चुनावी मैदान में नहीं उतरेंगे। भाटिया ने कहा कि उनका फोकस पार्टी के अन्य उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारने पर होगा।

चुनाव में भूमिका: भाटिया की ओर से यह बयान पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है कि वे चुनावी रणनीति में अपनी भूमिका निभाएंगे और पार्टी की चुनावी संभावनाओं को बढ़ाने में मदद करेंगे।

विप्लब देव का संदेश: विप्लब देव को किए गए फोन कॉल में भाटिया ने अपनी रणनीति और पार्टी के चुनावी अभियान के लिए अपने समर्थन का आश्वासन दिया।

भाटिया की भूमिका: संजय भाटिया की भूमिका अब पार्टी की चुनावी रणनीति को आकार देने और उम्मीदवारों की सफलता सुनिश्चित करने पर केंद्रित होगी। वे पार्टी की रणनीति को सुदृढ़ करने और चुनावी परिदृश्य को बेहतर बनाने में मदद करेंगे।

पार्टी की प्रतिक्रिया और योजना:

  • चुनावी रणनीति: भाजपा अब भाटिया के योगदान को ध्यान में रखते हुए अपनी चुनावी रणनीति को संशोधित करेगी। भाटिया के अनुभव और नेटवर्क का लाभ उठाते हुए पार्टी अन्य उम्मीदवारों को सशक्त करेगी।
  • उम्मीदवार चयन: पार्टी के भीतर उम्मीदवारों के चयन और चुनावी रणनीति पर विचार-विमर्श जारी है। भाटिया का सहयोग पार्टी की तैयारियों को और सुदृढ़ बनाएगा।

आगे की कार्रवाई:

  • चुनाव प्रचार: जैसे ही उम्मीदवारों की सूची और चुनावी रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा, भाटिया का समर्थन और भूमिका पार्टी के प्रचार अभियान में महत्वपूर्ण साबित होगी।
  • भाटिया की भूमिका: भाटिया की सलाह और समर्थन से पार्टी की चुनावी योजनाओं को नए दृष्टिकोण और दिशा मिल सकती है।

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