हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर, पेंशन योजना को लेकर राजनीतिक दलों के बीच श्रेय की दौड़ तेज हो गई है। दोनों प्रमुख दल, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस, इस योजना का श्रेय लेने के लिए सक्रिय रूप से प्रचार कर रहे हैं।
बीजेपी का रुख: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पेंशन योजना को अपनी उपलब्धियों में गिनाते हुए चुनाव प्रचार में इसका प्रमुख स्थान बनाया है। पार्टी का कहना है कि यह योजना उनकी सरकार की पहल है और इसका उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। बीजेपी का दावा है कि इस योजना के तहत पेंशन का लाभ बड़े पैमाने पर लोगों तक पहुंचाया गया है, और यह उनकी सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों का एक हिस्सा है। (जम्मू-कश्मीर)
कांग्रेस का रुख: दूसरी ओर, कांग्रेस ने भी पेंशन योजना के क्रेडिट को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। पार्टी का कहना है कि पेंशन योजनाएँ उनकी सरकार की पूर्व योजनाओं का हिस्सा थीं और बीजेपी ने उन्हें अपनाया और प्रचारित किया। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी ने पूर्ववर्ती योजनाओं को अपने नाम पर बदलकर पेश किया है, जबकि असली श्रेय कांग्रेस की पुरानी नीतियों को जाता है।
आगे की दिशा: जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के चुनावी प्रचार में पेंशन योजना एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है। यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव परिणाम के बाद कौन सा दल इस योजना का श्रेय प्राप्त करता है, और इसका चुनावी परिणाम पर क्या प्रभाव पड़ता है। इस बीच, दोनों दल अपने-अपने दृष्टिकोण से योजना को जनता के बीच प्रमुख मुद्दे के रूप में पेश कर रहे हैं।