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Film studio : साल 2019 की बात है। एक शख्स जापान के फिल्म स्टूडियो में आग लगा देता है। 36 लोग जलकर मर जाते हैं। आरोपी खुद भी 90% जल जाता है। उसे अस्पताल ले जाया जाता है।

इलाज के बाद जब वो ठीक होता है तो पुलिस उसे गिरफ्तार कर लेती है। हादसे के 5 साल बाद यानी 25 जनवरी 2024 को कोर्ट ने आरोपी को मौत की सजा सुनाई है।Film studio

BBC के मुताबिक 45 साल का आरोपी शिनजी आओबा लेखक था। उसका मानना था कि फिल्म स्टूडियो ने उसकी लिखी एक कहानी चुराई है। इस बात से नाराज होकर उसने पूरे फिल्म स्टूडियो में आग लगा दी थी। हालांकि, स्टूडियो ने कहानी चुराने की बात को खारिज कर दिया था।Film studio

5 साल पहले स्टूडियो में क्या हुआ था…
‘ए साइलेंट वॉइस’ जैसी फिल्म बनाने वाले क्योटो एनिमेशन स्टूडियो में 18 जुलाई 2019 को कई आर्टिस्ट काम कर रहे थे। दोपहर करीब 1 बजे शिनजी आओबा नाम का शख्स स्टूडियो के अंदर घुसने की कोशिश करता है। इस दौरान सिक्योरिटी गार्ड्स के साथ उसकी बहस होती है। वो उसे रोकने की कोशिश करते हैं, लेकिन नाकाम हो जाते हैं।Film studio

शिनजी आओबा स्टूडियो का दरवाजा तोड़ते हुए अंदर घुस जाता है। ग्राउंज फ्लोर पर पेट्रोल छिड़कता है और फिर आग लगा देता है। आग तेजी से पहली मंजिल तक पहुंच जाती है। यहां आर्टिस्ट- स्क्रिप्ट राइटर, एनिमेटर अपना काम कर रहे थे। सभी आग की लपटों की चपेट में आ जाते हैं। 36 लोगों की मौत हो जाती है। 32 लोग घायल होते हैं।Film studio

सितंबर 2023 में जुर्म कबूला
सितंबर 2023 में शिनजी आओबा ने अपना जुर्म कबूला। उसने कहा था- जब मेरी कहानी चोरी हुई तो मुझे कुछ समझ नहीं आया। मुझे लगा कि फिल्म स्टूडियो में आग लगाने के अलावा मेरे पास कोई ऑप्शन नहीं है। इसलिए मैंने स्टूडियो में आग लगा दी। मैं नहीं जानता था कि वहां इतने लोग मौजूद होंगे और इतनी मौतें होंगी। मैंने जो किया वो गलत था। मैं शर्मिंदा हूं।Film studio

वकील ने कहा था- आरोपी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी
BBC के मुताबिक शिनजी आओबा की तरफ से केस लड़ रहे वकील ने कोर्ट में दलील दी थी कि शिनजी हादसे के समय काफी परेशान था। उसकी मानसिक स्थिति सही नहीं थी। वो कहानी चुराए जाने से दुखी था। इसलिए उसे सजा-ए-मौत नहीं दी जानी चाहिए।Film studio

कोर्ट ने कहा- आरोपी की मानसिक स्थिति बिलकुल ठीक
वकील की दलील पर कोर्ट ने कहा- आरोपी की दिमागी हालत बिलकुल ठीक थी। दुखी होकर कोई भी ऐसा संगीन अपराध नहीं करता। 36 लोगों की जान जाना बेहद गंभीर और दुखद है। मृतक के परिजनों को इससे जो दुख-दर्द पहुंचा है उसे कम नहीं किया जा सकता। इसलिए आरोपी की सजा भी कम नहीं की जा सकती। दरअसल, जापान में मर्डर और गंभीर अपराधों के लिए सजा-ए-मौत ही दी जाती है।Film studio

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