भूपेश बघेल FIR : लोकसभा चुनाव से छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल को एक बड़ा झटका लगा हैं। चुनाव से पहले बघेल संकट में दिखाई देने लगे है। भूपेश बघेल के खिलाफ राजधानी रायपुर में महादेव सट्टा ऐप मामले मेें मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने मामले में भूपेश बघेल समेत 16 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की हैं। पुलिस ने सभी के खिलाफ आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोपी में मामला दर्ज किया है। मामले को लेकर भूपेश बघेल ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए है।

जानकारी के अनुसार EOW ने ईडी की शिकायत पर 21 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। बघेल पर FIR दर्ज के बाद से प्रदेश की सियासत में उबाल आ गया है। एफआईआर दर्ज होने के बाद भूपेश बघेल पर बीजेपी ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि ‘सत्ता में किए कुकर्मों का फल जनता ने दिया, अब सट्टा में किए कुकर्मों का फल कानून देगा। #कांग्रेस सटोरिये वही भूपेश बघेल ने X पर पोस्ट करते बीजेपी पर पलटवार करते हुए लिखा है कि यह तो तय हो गया कि भाजपा ने राजनांदगांव में हार मान ली इसीलिए एफ़आईआर का खेल शुरु हो गया है। लेकिन न मैं डरने वाला हूं न पीछे हटने वाला हूं। लेकिन कई सवाल हैं इनके कौन जवाब देगा साँय-साँय?

भूपेश बघेल ने आगे लिखा है कि…

  1. एफ़आईआर के विवरण में जब मेरे नाम का ज़िक्र ही नहीं तो फिर मेरा नाम ही एफ़आईआर में क्यों? अधिकारीगणों में से किसी का नाम क्यों नहीं है?
    2. जब FIR 4 मार्च 2024 को दर्ज हुई तो अब तक वेबसाइट पर क्यों नहीं अपलोड की गई? आज 17 मार्च को यह दिल्ली से प्रकाशित कैसे हुई? जबकि FIR तो रायपुर में है.
    3. मोदी की गारंटी” और “विष्णु के सुशासन” से छत्तीसगढ़ में और पूरे देश में महादेव सट्टा एप्प” चल रहा है, अब तक बंद क्यों नहीं हुआ?
    4. जिस प्रकार फ़्यूचर गेमिंग कंपनी से 1300 करोड़ से अधिक चंदा लेकर भाजपा ने संरक्षण दिया, उसी प्रकार महादेव एप्प से भाजपा ने कितना चंदा लिया?
    5. जब  ED जाँच कर रही थी, तो EOW को यह जाँच क्यों सौंपी गई?

 

भूपेश का बीजेपी पर आरोप

आपको बता दें कि मामला दर्ज होने के बाद पूर्व सीएम बघेल ने एक प्रेसवार्ता की थी। जिसमें उन्होंने भाजपा पर राजनीतिक साजिश करने का आरोप लगाया था। बघेल ने कहा था कि भाजपा राजनांदगांव सीट हार रही है, इसलिए बीजेपी उनका नाम एफआईआर में शामिल कर रही हैं। उन्होंने इसे बीजेपी की राजनीतिक साजिश बताया है। उन्होंने आगे कहा था कि बीजेपी सर्वे में राजनांदगांव से कमजोर है। मामले के विवरण में मेरा नाम नहीं है, लेकिन नाम लिख दिया गया। विवरण में यह भी लिखा है कि मामले में अधिकारी भी शामिल है, लेकिन अधिकारियों का नाम क्यों नहीं लिखा?

 

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