राजधानी में जलापूर्ति को लेकर आपात स्थिति पैदा हो गयी. इसी पृष्ठभूमि में दिल्ली सरकार के मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज ने आपात बैठक की. इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कार धोने या मरम्मत केंद्रों में दिल्ली जल बोर्ड या पीने के पानी का उपयोग प्रतिबंधित है। इस मुद्दे पर हुई बैठक में महासचिव समेत तमाम वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.

आतिशी ने कहा कि कई सारे कार रिपेयर या कार वाशिंग सेंटर हैं जो दिल्ली जल बोर्ड से आने वाले पानी का इस्तेमाल कार धोने में कर रही हैं. कार वाशिंग सेंटर में दिल्ली जल बोर्ड या पीने के योग्य पानी के इस्तेमाल को बिल्कुल बैन किया जा रहा है. शुक्रवार से डीपीसीसी की टीम ग्राउंड पर उतर कर कार वाशिंग सेंटर और कार रिपेयरिंग सेंटर का निरीक्षण करेंगी.

अगर कोई कार वाशिंग सेंटर पीने के योग्य पानी का इस्तेमाल करते नजर आए तो उनपर कार्रवाई की जाएगी. हम सर्विस सेंटर को भी सील करेंगे. निर्माण स्थलों पर भी पेयजल के इस्तेमाल पर सरकार ने रोक लगा दी है. आतिशी ने कहा, ‘वाटर टैंक की सप्लाई के लिए दिल्ली में एक वॉर रूम बनाया गया है. इसका नेतृत्व एक वरिष्ठ आईएएस अफसर करेंगे. अगर किसी को अपने इलाके में वाटर टैंकर चाहिए तो उन्हें 1916 पर फोन करना होगा.

इस बैठक के बाद सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में हीटवेव चल रहा है. इस दौरान स्वास्थ्य विभाग और जल विभाग की भूमिका अहम होती है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बिना बताए स्वास्थ्य विभाग के सचिव और जल बोर्ड के CEO भी छुट्टी पर हैं. इतनी बड़ी आपदा में कई अधिकारी छुट्टी में हैं. आज मुख्य सचिव से मीटिंग में पूछा तो उन्होंने कहा कि मैंने छुट्टी दी है. य़ह बहुत ही हैरान करने वाली बात है कि बिना मंत्री की जानकारी में डाले इतनी खराब स्थिति में विभागों के अध्यक्षों को छुट्टी दे दी गई.

दिल्ली के कई इलाकों में पानी की भारी किल्लत के बीच लोगों का गुस्सा भी फूट पड़ा है. अलग-अलग जगहों पर लोगों ने मटका फोड़ कर प्रदर्शन किया है. इस प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल हैं. कई जगहों पर वाटर की सप्लाई नहीं हो रही है और लोग टैंकर से पानी हासिल करने के लिए लंबी-लंबी कतारों में खड़े नजर आ रहे हैं. दिल्ली सरकार ने पानी की बर्बादी पर 2000 रुपये का जुर्माना भी तय किया है

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