पोर्श दुर्घटना मामले में शुक्रवार को बड़ा ऐक्शन लिया गया। आरोपी किशोर को जिस पुलिस स्टेशन में लेकर जाया गया था, वहां के 2 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने के कारण यह कार्रवाई हुई है। बताया जा रहा है कि ये दोनों वही पुलिसकर्मी हैं जो घटना के तुरंत बाद मौके पर पहुंचे थे। शुरुआती जांच में सामने आया कि इन्होंने मामले की सूचना अपने सीनियर्स को नहीं दी। साथ ही, कंट्रोल रूम तक इसकी जानकारी नहीं पहुंचाई गई थी।

इस बीच, पुणे की अदालत ने पोर्श दुर्घटना मामले में 17 वर्षीय आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल समेत 6 लोगों को 7 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। कल्याणी नगर में रविवार तड़के पोर्श कार चला रहे नाबालिग चालक ने मोटरसाइकिल से जा रहे 2 सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को कुचल दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी। पुलिस ने दावा किया कि किशोर नशे की हालत में कार चला रहा था। अभियोजन पक्ष ने आगे की जांच के लिए उनकी पुलिस हिरासत बढ़ाने की अपील की थी। हालांकि, अदालत ने अग्रवाल और शराब परोसने वाले 2 प्रतिष्ठानों के मालिक और कर्मचारियों समेत अन्य को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

किशोर ने अपनी पोर्श कार से मोटरसाइकिल पर सवार 2 सॉफ्टवेयर पेशेवरों को कुचलने से पहले इन जगहों पर शराब पी थी। इससे पहले दिन में, पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा था कि ऐसा दिखाने की कोशिश की गई कि 19 मई को दुर्घटना के समय नाबालिग कार नहीं चला रहा था और कोई वयस्क व्यक्ति कार चला रहा था। अग्रवाल और दूसरे 5 आरोपियों को उनकी पुलिस हिरासत समाप्त होने के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस.पी. पोंक्षे के समक्ष पेश किया गया। अन्य आरोपियों में कोसी रेस्तरां के मालिक नमन भुटाडा, प्रबंधक सचिन काटकर, ब्लैक क्लब के प्रबंधक संदीप संगाले, कर्मचारी जयेश गावकर और नीतेश शेवानी शामिल हैं।

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