भारत और रूस, जिनके बीच दशकों से मजबूत संबंध रहे हैं, अब वीजा मुक्त पर्यटन समझौते की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। यह समझौता, जो साल के अंत तक final होने की उम्मीद है, दोनों देशों के बीच पर्यटन, सांस्कृतिक और आर्थिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

पर्यटन को बढ़ावा: रूस के आर्थिक विकास मंत्रालय के अनुसार, इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच वीजा-मुक्त पर्यटक आदान-प्रदान को बढ़ाना है। यह रणनीति चीन और ईरान के साथ पहले से ही लागू किए गए समान समझौतों से प्रेरित है। 2023 में, रूस में 60,000 से अधिक भारतीय पर्यटक आए थे, जो 2022 की तुलना में 25% अधिक है। यह दर्शाता है कि दोनों देशों के बीच यात्रा की बढ़ती इच्छा है, जिसे नया समझौता और अधिक सुविधाजनक बना देगा।

आर्थिक लाभ: वीजा मुक्त पर्यटन से दोनों देशों को आर्थिक लाभ होने की भी उम्मीद है। रूस अपनी पर्यटन अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और भारत से अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने की उम्मीद कर रहा है। भारत, दूसरी ओर, रूसी पर्यटकों से विदेशी मुद्रा प्राप्ति में वृद्धि देख सकता है।

सांस्कृतिक संबंध: यह समझौता सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने में भी मदद करेगा। वीजा मुक्त यात्रा लोगों को एक-दूसरे की संस्कृतियों का अनुभव करने और बेहतर ढंग से समझने का अवसर प्रदान करेगी। इससे कला, शिक्षा और व्यापार सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ सकता है।

कुल मिलाकर, भारत और रूस के बीच वीजा मुक्त पर्यटन समझौता दोनों देशों के लिए फायदे का सौदा है। यह पर्यटन, अर्थव्यवस्था और संस्कृति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

यहां कुछ अतिरिक्त बिंदु दिए गए हैं जो ध्यान देने योग्य हैं:

  • वीजा मुक्त पर्यटन समझौते के तहत, प्रत्येक देश के नागरिक 180 दिनों तक दूसरे देश में रह सकेंगे।
  • कुछ प्रतिबंध लागू हो सकते हैं, जैसे कि यात्रा का उद्देश्य और ठहरने की अवधि।
  • दोनों देशों को समझौते को लागू करने के लिए आवश्यक कानूनी और प्रशासनिक ढांचे को विकसित करना होगा।

यह समझौता अभी भी प्रारंभिक चरण में है, लेकिन यह निश्चित रूप से भारत और रूस के बीच संबंधों को मजबूत करने और दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

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