भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शुक्रवार को अपनी मां माधवी राजे सिंधिया की अस्थियां लेने छत्री परिसर पहुंचे। सिंधिया परिवार के सदस्य बाल खांडे ने कहा कि राजमाता की अस्थियां उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद), पड़ोसी देश नेपाल और उज्जैन भेजी जाएंगी। इससे पहले अस्थियों को नौ दिनों तक ग्वालियर के माधव बाग में रखा जायेंगा
राजपुरोहित चंद्रकांत शिंदे ने कहा कि राजमाता माधवी राजे सिंधिया के अंतिम संस्कार के बाद शुक्रवार को उनकी अस्थियां एकत्र की गईं। सिंधिया परिवार के शाही पुजारियों ने शाही परंपरा के अनुसार पूजा की। विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी मां की अस्थियां एकत्रित कीं। इन अस्थियों को तीन कलशों में रखा गया। इन सभी कलशों को शाही परंपरा के अनुसार नौ दिनों के लिए पेड़ से बंध जाएगा. दसवें दिन इन कलशों को उज्जैन, इलाहाबाद और महाराष्ट्र के सतारा जिले के कन्हेरहेड भेजा जाएगा. जहां शाही परंपरा के अनुसार अस्थि विसर्जन किया जाएगा.
ग्वालियर के पूर्व शाही परिवार की राजमाता माधवी राजे सिंधिया के पार्थिव शरीर का गुरुवार शाम मध्य प्रदेश के ग्वालियर में अंतिम संस्कार किया गया था. 76 वर्षीय माधवी राजे का बुधवार सुबह दिल्ली के AIIMS में निधन हो गया था और उनका पार्थिव शरीर गुरुवार को एक विशेष विमान से राष्ट्रीय राजधानी से ग्वालियर लाया गया था.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, राज्य भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, राज्य के मंत्री प्रह्लाद पटेल, कैलाश विजयवर्गीय, तुलसी सिलावट, प्रद्युम्न सिंह तोमर और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ‘अम्मा महाराज की छत्री’ में माधवी राजे के अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे.
माधवी राजे सिंधिया के पार्थिव शरीर को एक जुलूस के रूप में जय विलास पैलेस स्थित रानी महल से श्मशान घाट ‘अम्मा महाराज की छत्री’ लाया गया था.
दिन में उनके पार्थिव शरीर को दिल्ली से लाए जाने के बाद रानी महल में रखा गया ताकि लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे सकें. नेपाल के शाही परिवार और देश की पूर्व रियासतों के सदस्य भी अंतिम संस्कार में शामिल हुए.
बता दें कि नेपाल के शाही परिवार से ताल्लुक रखने वाली माधवी राजे ने 1966 में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत माधवराव सिंधिया से शादी की थी. उनके परिवार में बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलावा उनकी बेटी चित्रांगदा राजे सिंह हैं.
माधवी राजे का बुधवार सुबह दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया था. वह निमोनिया और सेप्सिस से पीड़ित थीं और पिछले तीन महीने से प्रमुख अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. सूत्रों ने बताया कि मौत से कुछ दिन पहले वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर थीं.