मुंबई के घाटकोपर इलाके में सोमवार को हुए होर्डिंग हादसे ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस हादसे में 16 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। हादसे के बाद से कई सवाल उठ रहे हैं, जिनमें सबसे प्रमुख सवाल है कि इतना बड़ा होर्डिंग तेज हवा का झोंका क्यों नहीं झेल पाया?
आजतक की पड़ताल में सामने आया है कि 120 फीट लंबे इस होर्डिंग का पिलर महज 4-5 फीट जमीन में गाड़ा गया था। जानकारों और अधिकारियों का मानना है कि कमजोर बुनियाद ही इस हादसे का मुख्य कारण है।
हादसे के बाद से मृतकों और घायलों के परिजनों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
इस हादसे की जांच बीएमसी और जीआरपी कर रही है। बीएमसी का कहना है कि होर्डिंग लगाने की इजाजत रेलवे एसीपी ने दी थी। वहीं, रेलवे का कहना है कि दिसंबर 2021 में पेट्रोल पंप के पास 10 साल के लिए होर्डिंग लगाने की इजाजत तत्कालीन जीआरपी कमिश्नर कैसर खालिद ने दी थी।
हादसे के बाद सामने आ रही जानकारी के अनुसार, होर्डिंग का संचालन मेसर्स इगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी कर रही थी। कंपनी पर आरोप है कि उसने होर्डिंग के निर्माण के दौरान कुछ पेड़ों को भी नुकसान पहुंचाया था।
इस हादसे ने अवैध होर्डिंग और कमजोर निर्माण के खतरों को उजागर कर दिया है।