लोकसभा चुनाव में वाराणसी से एक बार फिर पर्चा भरने वाले पीएम मोदी ने कहा कि यह चुनाव मोदी नहीं लड़ रहा, बल्कि 140 करोड़ लोग लड़ रहे हैं. मुसलमानों संग अपने रिश्ते को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि वह बचपन से मुस्लिम परिवारों से घिरे रहे हैं. आज भी उनके कई मुस्लिम दोस्त हैं. उन्होंने यह भी कहा कि 2002 के बाद उनकी छवि खराब कर दी गई. तो चलिए जानते हैं पीएम मोदी ने मुस्लिमों संग अपने रिश्ते और गोधरा को लेकर क्या-क्या कहा?

आप ये धारणा तोड़ने में सफल क्यों नहीं हो पाए कि आप मुसलमान के खिलाफ नहीं हैं?

इस सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा, ‘पहली बात यह है कि यह मुद्दा मुसलमान का नहीं है. निजी तौर पर मुसलमान कितना भी मोदी के साथ होगा, लेकिन एक निश्चित विचार प्रभाव है, जो उनको आदेश करता है कि आप ये करो-वो करो. उसके आधार पर वह निर्णय करता है. मेरा जो घर है न, मेरे अगल-बगल में सारे मुस्लिम परिवार हैं. हमारे घर में ईद भी मनती थी, हमारे घर में और भी त्योहार होते थे. हमारे घर में ईद के दिन खाना नहीं बनता था. सारे मुस्लिम परिवारों से मेरे यहां खाना आ जाता था. जब मुहर्रम निकलता था, तब हमारा ताजिये के नीचे से निकलना अनिवार्य होता था, हमें सिखाया जाता था. मैं उस दुनिया से पला बढ़ा हूं. आज भी मेरे बहुत सारे दोस्त मुस्लिम हैं.’

पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘2002 के बाद मेरी छवि बहुत खराब कर दी गई, गोधरा के बाद. मैंने सोचा कि जरा रियलिटी जाननी चाहिए. मैंने हमारे 30 कार्यकर्ताओं का एक ट्रेनिंग कैंप किया और उन्हें सर्वे करना सिखाया. आंकड़ों वाला नहीं, बातचीत करने वाला सर्वे. अहमदाबाद में एक माणिक चौक करेक एक जगह है. वहां शाम को लोग खाना खाने जाते हैं. वहां सारे व्यापारी मुसलमान हैं और खरीदार हिंदू हैं. और यहां इतनी भीड़ होती है कि पैदल नहीं चल सकते. दिवाली में बहुत भीड़ होती है. वहां हर प्रकार की चीज बिकती है. मैंने कहा कि मुझे इसी मार्केट में सर्वे करानी है. मैंने लड़कों को भेजा और मैं डेली रिपोर्ट देखता था. वो गए और पूछते थे कि आप बताइए दिवाली कैसी है, तो जवाब आता था कि हां जी दिवाली अच्छी है. मैं ये 2002 की बात कर रहा हूं. सर्वे वाला फिर कहता था कि मोदी बैठा है यार और दिवाली… तब जवाब आता था कि हे मोदी का नाम मत लेना. एक ने कहा कि इसकी मां सुनेगी तो रात का खाना नहीं देगी. सर्वे वाले ने पूछा क्यों, तो कहा कि अरे मोदी नहीं आया था तो तब तक स्कूल नहीं जाता था, मोदी आया है तो स्कूल जा रहा है. दिवाली की छुट्टी है तो मेरे यहां दुकान पर मदद कर रहा है. उनकी मां इतनी खुश थी कि मोदी के आने के बाद बच्चों का जीवन बदल गया. मोदी के खिलाफ मेरे पास मत बोलो कुछ. करीब-करीब 90 फीसदी दुकानवालों का यही जवाब था.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, ‘मुझे एक बार मुस्लिम महिला मिलने आई. बहुत बधाई दे रही थी, कुछ अपेक्षाएं लेकर आई थीं. वह जोहापुरी से आई थी, जहां तीन-चार लाख मुसलमान हैं. मैंने पूछा कोई तकलीफ है क्या, कोई पुलिसवाला या सरकार परेशान करती है क्या? बोली नहीं-नहीं साहब, हम तो आपका अभिनंदन करने आए हैं. आपने बिजली का काम किया है, वह बहुत अच्छा काम किया है. मैंने कहा कि वो तो मैंने बहुत बुरा किया. मैंने तो 35 किलोमीटर केवल उखाड़कर फेंक दिया है और वहां कोई सरकारी आदमी नहीं जा पाता था. वो बोली वही तो अच्छा काम किया है सर आपने. मैंने कहा कि कैसे, मैंने तो केबल काट दिया. बोली नहीं साहब, हमारे यहां हर मोहल्ले में बिजली मंत्री हैं और वो बिजली देकर हमसे पेमेंट लेते थे. सरकार की बिजली चोरी करके हमको बेचते थे. हमारे पैसे बहुत जाते थे. अब रेगुलर बिजली आती है, कोई दादागिरी नहीं होती. इसलिए हम यहां आए हैं.’

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