हासन सीट से बीजेपी-जेडीएस गठबंधन के उम्मीदवार प्रज्वल रेवन्ना के कथित सेक्स वीडियो ने कर्नाटक की राजनीति में भूचाल ला दिया है. मामला सामने आने के बाद जेडीएस ने उन्हें पद से निलंबित कर दिया. प्रज्वल फिलहाल जर्मनी में हैं. इस मामले में प्रज्वल रेवन्ना और उनके पिता एचडी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई थी. यह एफआईआर उनके घर में काम करने वाली नौकरानी की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी। नौकरानी ने पिता-पुत्र पर यौन शोषण का आरोप लगाया है.
हाल ही में हासन में प्रज्वल रेवन्ना के कुछ वीडियो भी वायरल हो रहे थे, जिसमें वो कथित तौर पर महिलाओं का यौन शोषण करते नजर आ रहे थे.
वहीं, इस पूरे मामले की जांच के लिए सिद्धारमैया सरकार ने एसआईटी का गठन किया है. कर्नाटक के गृहमंत्री जी. परमेश्वर का कहना है कि वीडियो बनाने वाले, उसमें दिखने वाले और इसे वायरल करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, प्रज्वल ने दावा किया था कि उनकी छवि खराब करने के लिए वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है.
कर्नाटक महिला आयोग की अध्यक्ष नागलक्ष्मी चौधरी ने इसे देश का सबसे बड़ा ‘सेक्स स्कैंडल’ बताया है. ऐसे में जानते हैं कि कैसे ये पूरा मामला परत दर परत खुलता गया.
पिछले साल एक जून को प्रज्वल ने बेंगलुरु सिविल कोर्ट में एक मुकदमा दायर किया था. ये मुकदमा 86 मीडिया आउटलेट और तीन व्यक्तियों के खिलाफ था. इसमें उन्होंने अपने खिलाफ चल रही फेक न्यूज और छेड़छाड़ किए गए वीडियोज को प्रसारित करने से रोकने की मांग की थी. दो जून 2023 को सिविल कोर्ट ने ये कहते हुए इनके प्रसारित होने पर रोक लगा दी थी कि इससे आगे बड़ा खतरा पैदा हो सकता है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन तीन व्यक्तियों को इस मुकदमे में पार्टी बनाया गया था, उनमें प्रज्वल के पूर्व ड्राइवर का नाम भी शामिल था. मार्च 2023 में ही उस ड्राइवर ने नौकरी छोड़ी थी. वो कई साल से यहां काम कर रहा था.
ड्राइवर के साथ परिवार के किसी सदस्य की तरह ही बर्ताव किया जाता था और ऐसी अटकलें हैं कि उसकी प्रज्वल के फोन और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस तक पहुंच थी. पिछले साल जब प्रज्वल से उसकी अनबन हो गई तो उसने वीडियो पर उन्हें धमकाना शुरू कर दिया था.
कर्नाटक बीजेपी के नेता देवराजे गौड़ा ने पिछले साल दिसंबर में एक चिट्ठी लिखी थी. ये चिट्ठी कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र और गृह मंत्री अमित शाह को लिखी गई थी. इसमें उन्होंने प्रज्वल और देवेगौड़ा परिवार पर गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने का दावा किया था.
देवराजे ने अपनी चिट्ठी में दावा किया था कि उनके पास एक पेन ड्राइव है, जिसमें कुल 2,976 वीडियोज हैं. इन वीडियोज को कथित तौर पर प्रज्वल रेवन्ना ने शूट किया था.
उनका कहना था कि इन वीडियोज में कुछ महिला अफसर भी दिख रहीं हैं. इन वीडियो का इस्तेमाल सेक्सुअल एक्टिविटी में शामिल रहने के लिए महिलाओं को ब्लैकमेल करने के लिए किया जा रहा है.
अपनी चिट्ठी में उन्होंने ये भी कहा था कि वीडियो और दस्तावेजों वाली एक और पेन ड्राइव कांग्रेस लीडरशिप के पास पहुंच गई है. उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर लोकसभा चुनाव के लिए प्रज्वल को एनडीए का उम्मीदवार बनाया जाता है तो संभावना है कि कांग्रेस इसे एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करेगी.
इस पूरे मामले में प्रज्वल रेवन्ना के ड्राइवर की भूमिका भी सामने आ रही है. बीजेपी नेता देवराजे ने अपनी चिट्ठी में दावा किया था कि उन्हें ये पेन ड्राइवर प्रज्वल के पूर्व ड्राइवर ने दी थी. ये ड्राइवर कई सालों से रेवन्ना परिवार के साथ जुड़ा हुआ था. ड्राइवर ने आरोप लगाया था कि प्रज्वल और उनका परिवार एक जमीन मामले में उन्हें परेशान कर रहा है.
देवराजे ने बताया था कि ड्राइवर ने उन्हें बताया कि उसने ये वीडियोज कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार और उनके भाई डीके सुरेश को भी भेजे हैं.
उन्होंने कहा था कि इन वीडियो में दिख रहीं महिलाएं हासन की रहने वालीं हैं और इनमें कई सरकारी अफसर भी हैं. इन वीडियोज को प्रज्वल ने ही शूट किया था.
ड्राइवर का क्या है कहना?
ड्राइवर का नाम कार्तिक है और वो 15 साल से रेवन्ना परिवार के साथ काम कर रहा था. उन्होंने पिछले साल नौकरी छोड़ दी थी. उन्होंने दावा किया कि उन्होंने (रेवन्ना परिवार) ने जमीन छीन ली थी और हमें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, जिसके बाद नौकरी छोड़ दी थी.
कार्तिक ने बताया कि उन्होंने इसकी जानकारी बीजेपी नेता देवराजे गौड़ा को दी थी. देवराजे गौड़ा ने मदद का भरोसा दिया था.
उन्होंने बताया कि मामला जब कोर्ट पहुंचा तो वहां से स्टे ऑर्डर मिल गया. मैंने ये स्टे ऑर्डर देवराजे गौड़ा को दे दिया. उन्होंने मुझसे कहा कि आपके पास तस्वीरें और वीडियो हैं. मैंने पूछा कि आपको कैसे पता चला कि मेरे पास तस्वीरें और वीडियो हैं? मैंने उनसे पूछा कि इस नोटिस पर कैसे जवाब दूं. इस पर देवराजे ने मुझसे तस्वीरें और वीडियो सौंपने के लिए कहा. उन्होंने मुझसे कहा कि वो इन तस्वीरों और वीडियो को किसी को नहीं दिखाएंगे, बल्कि जज के सामने पेश करेंगे और मेरे खिलाफ कोर्ट का स्टे ऑर्डर हट जाएगा.
कार्तिक ने बताया कि मैंने देवराजे पर भरोसा किया और उन्हें क्लिप की एक कॉपी दे दी. कानूनी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी किए. मुझे नहीं पता कि उन्होंने इन वीडियो-फोटोज का इस्तेमाल किस मकसद से किया. एक महीने बाद जब मैंने उनसे केस के स्टेटस के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि अभी हम आगे नहीं बढ़ सकते हैं. कुछ समय रुकना होगा. जब मैंने उनसे क्लिप की कॉपी वापस मांगी तो उन्होंने कहा कि उसे कोर्ट में पेश करना होगा. बाद में उन्होंने प्रज्वल रेवन्ना को लोकसभा चुनाव में टिकट ना दिए जाने की मांग उठाई और बीजेपी आलाकमान को पत्र लिखा. उन्होंने इस पत्र की एक कॉपी मुझे भी भेजी. देवराजे गौड़ा मुझसे कहते हैं कि मुझे अदालत में नहीं तो इसी तरह से कोशिशों से न्याय मिलेगा.
कार्तिक ने आगे बताया कि मैंने भी स्वीकार लिया कि इस तरह से ही सही, कम से कम मुझे न्याय तो मिलेगा. लेकिन जब हाल ही में उन्होंने इस पेनड्राइव को लेकर दोबारा प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो मैंने उनसे संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. देवराजे गौड़ा झूठे दावे करते हैं कि मैंने कांग्रेस नेताओं को पेनड्राइव दी थी. जबकि मैंने देवराजे गौड़ा के अलावा किसी को भी पेनड्राइव नहीं दी. किसी अन्य कांग्रेस या किसी नेता को भी जानकारी तक नहीं दी. चूंकि, मुझे कांग्रेस नेताओं को लेकर आशंका थी कि उन्हें यह पेन ड्राइव देना चाहिए या नहीं, क्योंकि उनके जेडीएस नेताओं के साथ अच्छे संपर्क हैं. वे यह कहते हुए बी रिपोर्ट दे सकते हैं कि मेरा मामला झूठा है, इसलिए मैं किसी कांग्रेस नेता के पास नहीं गया. लेकिन देवराजे गौड़ा ने भी मुझे धोखा दिया.
मेड की वो शिकायत
28 अप्रैल को रेवन्ना के घर में काम करने वाली मेड ने शिकायत दर्ज करवाई थी. उसने एचडी रेवन्ना और उनके बेटे प्रज्वल पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. दावा है कि पीड़िता रेवन्ना की पत्नी भवानी की रिश्तेदार है. अपनी शिकायत में उसने बताया है कि 2019 में रेवन्ना के बेटे सूरज की शादी में काम करने के लिए उसे बुलाया गया था. तभी से वो यहां काम कर रही थी.
उसने आरोप लगाया है कि जब रेवन्ना की पत्नी घर पर नहीं होती थी, तब वो उसे स्टोर रूम में बुलाते थे और इधर-उधर छूते थे. वो साड़ी की पिन निकाल देते थे और यौन शोषण करते थे.
एफआईआर के मुताबिक, महिलाएं जब किचन में काम कर रही होती थीं, तब प्रज्वल पीछे से आकर उन्हें गले लगा लेते थे और उनके पेट पर मुक्का मारते थे. महिला ने आरोप लगाया है कि प्रज्वल उसकी बेटी को भी वीडियो कॉल कर अश्लील बातें करता था, जिसके बाद उसकी बेटी ने नंबर ब्लॉक कर दिया था.
रेवन्ना का क्या है कहना?
पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा के बेटे एचडी रेवन्ना हासन की होलेनारसीपुर सीट से विधायक हैं. वो कर्नाटक सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. उनपर भी यौन शोषण का आरोप लगा है.
उन्होंने कहा कि जो वीडियो वायरल हो रहे हैं, वो 4-5 साल पुराने हैं. उन्होंने कहा कि 4-5 साल पुरानी कोई चीज उन्हें अब मिल गई है और अब केस दर्ज कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वो इस पर अभी कुछ नहीं कहेंगे, क्योंकि मामले की जांच एसआईटी कर रही है.
वहीं, प्रज्वल ने अपने पोलिंग एजेंट पूर्णचंद्र तेजस्वी के माध्यम से आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज कराया था. उन्होंने वायरल वीडियो के साथ छेड़छाड़ करने का दावा किया था.
प्रज्वल रेवन्ना हासन सीट से एनडीए के उम्मीदवार हैं. इस सीट पर 26 अप्रैल को वोटिंग हो चुकी है. बताया जा रहा है कि वोटिंग के बाद ही प्रज्वल विदेश चले गए हैं. बताया जा रहा है कि वो बेंगलुरु से जर्मनी चले गए हैं. इस पर उनके पिता एचडी रेवन्ना ने कहा कि प्रज्वल आमतौर पर बिना बताए ही चला जाता है. उसे नहीं पता था कि उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज होने वाली है. उन्होंने कहा कि जांच के लिए जब बुलाया जाएगा, तब वो आ जाएगा.
अब आगे क्या?
इस पूरे मामले में दो एफआईआर दर्ज हैं. पहली एफआईआर एचडी रेवन्ना और उनके बेटे प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ है. दूसरी एफआईआर हासन के बेलूर में प्रज्वन ने निखिल गौड़ा के खिलाफ दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने उनके वीडियो के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था.
अब इन दोनों मामलों की जांच एसआईटी करेगी. एसआईटी में तीन टीमें बनाई गई हैं, जो मामले के अलग-अलग पहलुओं की जांच करेगी.
पहली टीम मैसूर एसपी सीमा लात्कर की अगुवाई में बनाई गई है. ये टीम यौन शोषण के पहलुओं पर जांच करेगी. पीड़िताओं की पहचान करना, उनसे पूछताछ करना और उनके बयान दर्ज करने का काम यही टीम करेगी. दूसरी टीम एसपी सुमन डी. पन्नेकर की अगुवाई में बनी है. इस टीम का काम वीडियो और पेन ड्राइव का विश्लेषण करना है. वहीं, तीसरी टीम वीडियोज की तकनीकी जांच करेगी.