गुजरात एटीएस को बड़ी कामयाबी मिली है. सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले मोहम्मद सकलेन को गिरफ्तार कर लिया है. जामनगर के रहने वाले मोहम्मद सकलेन ने एक सिम कार्ड खरीदा और एक भारतीय नंबर पर व्हाट्सएप सक्रिय किया। इस व्हाट्सएप नंबर के जरिए जम्मू-कश्मीर में सेना पर नजर रखी जा रही थी। इस मामले को गुजरात एटीएस ने पिछले साल अक्टूबर में बंद कर दिया था और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था. फरार आरोपियों में से एक सकलेन को आज गिरफ्तार कर लिया गया.

बता दें कि इंडियन आर्मी के जवानों के मोबाइल फोन में मालवेयर भेजकर जासूसी करने की पाकिस्तानी साजिश का गुजरात ATS ने पर्दाफाश किया है. गुजरात एटीएस को मिलिट्री इंटेलीजेंस से इनपुट मिला था कि कोई पाकिस्तानी एजेंसी का जासूस भारतीय सेवा के जवानों के फोन में संदिग्ध लिंक (वायरस) भेजकर उनके फोन का डेटा हैक करता है और भारतीय सेना की गुप्त जानकारी लीक करता है.

इसके बाद गुजरात एटीएस ने नंबर की जांच की, जिसमें यह नंबर जामनगर के मोहम्मद सकलेन के नाम पर रजिस्टर था. उसने यह सिम कार्ड जामनगर के ही असगर को दिया गया था और पाकिस्तान एंबेसी में काम कर रहे एक शख्स ने यह सिम कार्ड गुजरात के आणंद जिले के तारापुर के रहने वाले लाभशंकर महेश्वरी को दिया हालांकि लाभशंकर माहेश्वरी पाकिस्तान में रहता था और साल 1999 में वीजा के आधार पर भारत आया. साल 2005 में उसने और उसकी पत्नी ने भारतीय नागरिकता हासिल की थी.

इसके बाद लाभशंकर ने साल 2022 में पाकिस्तानी वीजा के लिए अप्लाई किया था, लेकिन वीजा में देरी हो रही थी, जिसकी वजह से उसने पाकिस्तान मे रहने वाले अपने मौसी के बेटे किशोर रामवाणी से बात की थी. किशोर ने पाकिस्तान एंबेसी में किसी शख्स से व्हाट्सएप पर बात करने के लिए लाभशंकर को कहा था. इसके बाद लाभशंकर और उसकी बीवी का वीजा मंजूर हुआ और दोनों पाकिस्तान चले गए. बाद में उसने अपनी बहन और उसकी बच्ची के लिए पाकिस्तानी वीजा के लिए फिर से इस शख्स से पाकिस्तान एंबेसी में संपर्क किया था और मंजूर भी करवा लिए थे.

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