West Bengal: पश्चिम बंगाल की बीरभूम लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार और पूर्व आईपीएस अधिकारी देबाशीष धर का नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया है. चुनाव आयोग के करीबी सूत्रों का कहना है कि दिल्ली हाई कोर्ट का एक आदेश है जिसमें कहा गया है कि जिस एजेंसी के साथ आप काम कर रहे हैं, उससे आपको फ्री सर्टिफिकेट लेना होगा।

आरपी अधिनियम की धारा 36 के अनुसार, एक उम्मीदवार को चुनाव के दौरान पानी, आवास और बिजली के बिल का भुगतान करना होगा। ये विभाग नोड में लिखते हैं कि हमारे पास इच्छुक पार्टी से  ‘कोई बकाया नहीं’है। इस प्रमाण पत्र के अभाव में नामांकन कार्य अस्वीकृत माना जाता है.

फिलहाल, बीजेपी ने बीरभूम सीट से देबतनु भट्टाचार्य को नया उम्मीदवार बनाया है. उन्होंने नामांकन कर दिया है. देबाशीष धर ने हाल ही में आईपीएस अधिकारी पद से इस्तीफा दिया था और राजनीति में एंट्री ली थी.

बीरभूम सीट पर चौथे चरण में 13 मई को मतदान होगा. बीजेपी के खिलाफ मुख्य दावेदार टीएमसी की मौजूदा सांसद शताब्दी रॉय हैं.

हाल ही में बीरभूम में एक सार्वजनिक सभा के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने देबाशीष धर को निशाने पर लिया था. ममता ने कहा था कि 2021 में कूच बिहार के सीतलकुची में केंद्रीय बलों द्वारा गोलीबारी की घटना के बाद धर को एसपी के रूप में अपने कर्तव्यों से मुक्त कर दिया गया था. वो अभी भी विभागीय कार्यवाही से गुजर रहे हैं.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पद से इस्तीफा देने के बावजूद धर को रिलीज ऑर्डर नहीं दिया गया है. सीतलकुची गोलीबारी में पांच लोगों की मौत के बाद धर को अनिवार्य प्रतीक्षा सूची में रखा गया है.

बीजेपी महासचिव जगन्नाथ चट्टोपाध्याय ने कहा, पर्दे के पीछे साजिश रची जा रही है. हम कोई जोखिम नहीं लेना चाहते हैं. बीजेपी तकनीकी कारणों से दूसरे उम्मीदवार का नामांकन पत्र दाखिल कर रही है.

भट्टाचार्य ने कहा, मेरी पार्टी मुझसे जो भी कहेगी, मैं वो करूंगा. हम सभी एकजुट हैं और तृणमूल की साजिशों से लड़ने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं. यह उनके गेमप्लान को विफल करने के लिए एक रणनीतिक कदम है.

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