ओवैसी का बड़ा हमला ,पाकिस्तान को बताया आतंक का प्रायोजक
कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के बाद (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान को जमकर आड़े हाथों लिया है। उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवाद का प्रायोजक करार देते हुए भारत सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की। साथ ही, उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ अधिनियम पर भी गहरी चिंता जताई और इसे मुसलमानों की संपत्ति छीनने की साजिश बताया।
महाराष्ट्र के परभणी में ईदगाह मैदान में आयोजित एक जनसभा में ओवैसी ने कश्मीर में आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि पाकिस्तान लगातार निर्दोष भारतीयों को निशाना बना रहा है। उन्होंने कहा, “मैंने पठानकोट और वैष्णो देवी जैसे कई हमले देखे हैं, जहां आतंकवादी धर्म पूछकर महिलाओं और बच्चों को मारते हैं। इस्लाम में निर्दोषों की हत्या हराम है।”
ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान भारत की बराबरी नहीं कर सकता और भारत को उसे आर्थिक रूप से पूरी तरह कमजोर कर देना चाहिए। उन्होंने जोर देते हुए कहा, “भारत की जनता पर हमला करना कोई धर्म नहीं सिखाता। पाकिस्तान को उसकी हरकतों का करारा जवाब मिलना चाहिए।”
इसके अलावा, ओवैसी ने वक्फ अधिनियम के मसले पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि यह कानून मुसलमानों की संपत्ति छीनने के लिए लाया गया है और सरकार इसे वापस ले। उन्होंने आरोप लगाया कि एक बड़े व्यापारी ने वक्फ की जमीन पर कब्जा कर मकान बना लिया और सरकार उसी के हित में यह कानून बना रही है।
ओवैसी ने कहा, “सरकार कहती है कि वक्फ की 70% जमीन पर कब्जा है। फिर आप यह तय करने वाले कौन हैं कि कौन मुसलमान है और कितने साल से है? क्या दाढ़ी की लंबाई से इस्लाम की पहचान की जाएगी?” उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार कब्रिस्तान और मस्जिद जैसी धार्मिक संपत्तियों पर अधिकार कैसे जता सकती है।
उन्होंने कहा कि संसद के सामने की मस्जिद को ‘मस्जिद नहीं’ बताकर बोर्ड लगाना वक्फ की ताकत को खत्म करने की कोशिश है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आज विरोध नहीं हुआ तो आने वाले समय में वक्फ केवल नाम मात्र का डाकघर बनकर रह जाएगा।
ओवैसी ने कहा कि जैसे किसानों ने मिलकर कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन किया था, वैसे ही अब वक्फ अधिनियम के खिलाफ पूरे देश में आंदोलन होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री से यह कानून वापस लेने की मांग करते हुए 30 तारीख को रात 9 बजे प्रतीकात्मक विरोध के रूप में सभी मुसलमानों से लाइटें बंद करने का आह्वान किया।
असदुद्दीन ओवैसी का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब भारत-पाकिस्तान संबंधों में गहराता तनाव और वक्फ संपत्तियों को लेकर मुस्लिम समुदाय की चिंताएं एक साथ उभर रही हैं। उनके वक्तव्य ने दोनों ही मुद्दों पर राजनीतिक बहस को और तीखा कर दिया है।
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