प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि ‘जम्मू कश्मीर में पर्यटकों की संख्या में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हो रही थी और लोगों की कमाई बढ़ रही थी, लेकिन देश के दुश्मनों को और जम्मू कश्मीर के दुश्मनों को ये रास नहीं आया। आतंकी चाहते हैं कि कश्मीर फिर से तबाह हो जाए।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 111वें संस्करण में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने का मजबूत संकल्प दोहराते हुए कहा कि इस जघन्य हमले के दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि पूरा देश पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा है और भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में कभी पीछे नहीं हटेगा।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत पहलगाम हमले के ज़िक्र से की। उन्होंने कहा, “पहलगाम की घटना ने हर भारतीय के दिल को गहरी चोट पहुंचाई है। देशवासियों का खून उबल रहा है। हम सभी पीड़ित परिवारों के दुख को गहराई से महसूस कर रहे हैं।”
आतंकवादियों का नापाक इरादा
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब जम्मू-कश्मीर में लंबे समय के बाद शांति का माहौल बन रहा था, लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हो रही थीं और पर्यटकों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि देखी जा रही थी, तभी आतंकियों ने इस शांति को भंग करने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “देश और जम्मू-कश्मीर के दुश्मनों को यह विकास रास नहीं आया। आतंकी चाहते हैं कि कश्मीर फिर से अराजकता में डूब जाए, लेकिन उनकी ये साजिश सफल नहीं होगी।”
पीएम मोदी ने इस कठिन घड़ी में देशवासियों की एकजुटता को भारत की सबसे बड़ी ताकत बताया। उन्होंने कहा, “140 करोड़ देशवासी एकजुट हैं। हमारा संकल्प आतंक के खिलाफ और मजबूत हो चुका है। हमें अपने इरादों को और फौलादी बनाना है।”
वैश्विक समुदाय का समर्थन
प्रधानमंत्री ने बताया कि पहलगाम हमले के बाद दुनिया के कई बड़े नेताओं ने व्यक्तिगत रूप से उनसे संपर्क कर संवेदना प्रकट की है। उन्होंने कहा, “दुनिया भर से नेताओं के फोन आ रहे हैं। हर कोई इस आतंकी कृत्य की कठोर निंदा कर रहा है। पूरा वैश्विक समुदाय भारत के साथ खड़ा है। आतंकवाद के खिलाफ यह वैश्विक एकजुटता बहुत महत्वपूर्ण है।”
पीएम मोदी ने इसे भारत के बढ़ते अंतरराष्ट्रीय प्रभाव का प्रमाण बताया और कहा कि दुनिया अब आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को न केवल समझती है बल्कि उसमें सहयोग भी करती है।
न्याय की गारंटी
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के अंत में पीड़ित परिवारों को भरोसा दिलाते हुए कहा, “मैं देशवासियों और खासतौर पर पीड़ित परिवारों को विश्वास दिलाना चाहता हूं — न्याय होगा, और न्याय अवश्य होकर रहेगा। इस हमले के दोषियों को कठोरतम सजा दी जाएगी।”
उन्होंने कहा कि भारत न तो आतंकवाद के आगे झुका है और न ही झुकेगा। हमारी सुरक्षा एजेंसियां चौकस हैं और दोषियों को न्याय के कटघरे तक पहुंचाने के लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं।
पहलगाम हमला: एक दर्दनाक वारदात
गौरतलब है कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में पर्यटकों से भरी एक बस पर आतंकियों ने हमला कर दिया था, जिसमें कई निर्दोष लोगों की जान चली गई और अनेक घायल हो गए। इस हमले ने न केवल जम्मू-कश्मीर बल्कि पूरे देश को झकझोर दिया। जिस वक्त जम्मू-कश्मीर में हालात सुधर रहे थे, लोकतंत्र मजबूत हो रहा था और पर्यटक बड़ी संख्या में घाटी का रुख कर रहे थे, उसी वक्त आतंकी तत्वों ने इस अमन चैन को चोट पहुंचाने का कुत्सित प्रयास किया।
इस हमले के तुरंत बाद केंद्र सरकार ने उच्चस्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठकें आयोजित कीं और दोषियों को पकड़ने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान शुरू कर दिया गया। स्थानीय प्रशासन से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों तक, सभी हमलावरों का सुराग लगाने में लगे हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर में हो रहे विकास का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वहां की आम जनता अब शांति और तरक्की चाहती है। पर्यटकों की रिकॉर्ड संख्या इसका प्रमाण है। व्यापार बढ़ रहा है, युवा रोजगार के नए अवसर तलाश रहे हैं और लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हो रही हैं।
उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर के लोगों ने जिस तरह से आतंकवाद और अलगाववाद को नकारा है, वह सराहनीय है। आज कश्मीर की वादियों में सिर्फ फूल ही नहीं, उम्मीदें भी खिल रही हैं।”
आतंक के खिलाफ भारत का मजबूत रुख
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी साफ कर दिया कि भारत आतंक के खिलाफ अपनी नीति में कोई ढील नहीं देगा। उन्होंने कहा कि यह समय देश के लिए एकजुट रहने और अपनी इच्छाशक्ति को और मजबूत करने का है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत एक ऐसा राष्ट्र है जो दुख के समय में और भी अधिक सशक्त होकर उभरता है।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत की जनता और सरकार दोनों यह सुनिश्चित करेंगे कि आतंकियों को उनके किए की सजा मिले और देश की शांति एवं प्रगति के मार्ग में कोई बाधा न आए।