पहलगाम: मिट्टी में मिलाने का वक्त आ गया है..आतंकियों को PM मोदी की चेतावनी
पहलगाम आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले के बाद से भारत की सरकार और जनता दोनों ही एक सुर में कड़े एक्शन की मांग कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेशी दौरा बीच में छोड़ते हुए देश वापसी का फैसला लिया और एयरपोर्ट पर ही उच्चस्तरीय बैठक की। इसके तुरंत बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए अजीत डोभाल और तीनों सेनाओं के प्रमुखों की एक हाईलेवल मीटिंग हुई, जो करीब 150 मिनट चली। इस बैठक में थल, जल और वायु – तीनों सेनाओं से जुड़ी जवाबी कार्रवाई के विकल्पों पर गंभीर चर्चा हुई।
सरकार की तरफ से 7 अहम संकेत दिए गए हैं जो बड़े कदमों की ओर इशारा करते हैं। इनमें प्रधानमंत्री की तात्कालिक वापसी, गृहमंत्री का जम्मू-कश्मीर दौरा, सीसीएस की इमरजेंसी बैठक, रक्षामंत्री के बयान और विदेशी राष्ट्राध्यक्षों से बातचीत शामिल हैं। इन कदमों से साफ है कि भारत इस बार आतंक के खिलाफ सीमित नहीं बल्कि निर्णायक कार्रवाई की ओर बढ़ रहा है।
पाकिस्तान के खिलाफ सरकार ने पांच सख्त फैसले लिए हैं। पहला, भारत-पाकिस्तान के बीच ऑटारी बॉर्डर चेक पोस्ट को बंद किया जाएगा। दूसरा, पाकिस्तान में भारत का दूतावास बंद किया जाएगा। तीसरा, इंडस वॉटर ट्रीटी को निलंबित किया गया है जिससे पाकिस्तान को जल संकट का सामना करना पड़ेगा। चौथा, भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी राजनायिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दिया गया है। और पाँचवाँ, अब पाकिस्तानियों को भारत का वीजा नहीं मिलेगा।
इन फैसलों से साफ है कि भारत ने राजनयिक, रणनीतिक और सैन्य मोर्चों पर पूरी तैयारी कर ली है। वहीं, अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, सऊदी अरब समेत कई देशों ने भारत का खुला समर्थन किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पीएम मोदी के बीच हॉटलाइन पर बातचीत हो चुकी है और रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने भारत को आतंक के खिलाफ हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया है।
डिफेंस एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत के पास अब पीओके पर सीधी कार्रवाई का विकल्प मौजूद है। एलओसी के करीब पीओके में 42 से ज्यादा आतंकियों के लॉन्चिंग पैड सक्रिय हैं, जिनमें 110 से 130 आतंकी मौजूद हैं। ऐसे में बड़ी सैन्य कार्रवाई का माहौल बन चुका है। अगर भारत पीओके पर सैन्य कार्रवाई करता है तो ये पाकिस्तान के नापाक इरादों पर करारा प्रहार होगा।
कुल मिलाकर, बदले की पटकथा तैयार हो चुकी है, बस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश की देर है। इस बार का एक्शन इतना बड़ा हो सकता है कि आतंकियों और उनके सरपरस्तों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़े।
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