परमाणु ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनेगा भारत- केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लालपरमाणु ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनेगा भारत- केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल
                                                                               “परमाणु ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनेगा भारत” भारत… हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बढ़ता जा रहा है, खासकर परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भारत ने जो योजनाएं बनाई हैं, वो देश को ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में न सिर्फ आत्मनिर्भर बनाएंगी, बल्कि हरित ऊर्जा के लक्ष्य को भी मजबूती देगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उद्देश्य है कि, भारत 2047 तक परमाणु ऊर्जा उत्पादन को कई गुना बढ़ा देगा। और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इसी उद्देश्य को सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल थर्मल आधारित बिजली परियोजनाओं को लेकर गंभीरता से कदम उठा रहे हैं, और भविष्य में ऊर्जा की खपत को देखते हुए सौर ऊर्जा की नई परियोजनाओं को भी तेजी से लागू कर रहे हैं। इसके अलावा वे केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल परमाणु  ऊर्जा को लेकर भी लगातार नई योजनाएं लागू कर रहे हैं। और इसी उद्देश्य से केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने परमाणु ऊर्जा वृद्धि को बढ़ाने के लिए दिल्ली में एक बैठक की अध्यक्षता भी की।  बैठक के बाद केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने फेसबुक पर लिखा कि, देश की परमाणु ऊर्जा को बढ़ाने के लिए एक जरूरी बैठक की अध्यक्षता की। हमन 2047 तक 100 गीगावॉट ऊर्जा प्राप्त करने के लक्ष्य के साथ, अभिनव रणनीतियों पर चर्चा की और इस क्षेत्र में प्रमुख चुनौतियों को पार करने का संकल्प लिया। परमाणु ऊर्जा आने वाले वर्षों में देश की ऊर्जा सुरक्षा की आधारशिला साबित होगी और आज भारत तेजी से परमाणु ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ रहा है। इसके अलावा केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल का ये भी कहना है कि, ऊर्जा मंत्रालय की ओर से ऊर्जा के सदुपयोग को लेकर भी कई मंचों पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत आम लोगों को ये बताया जा रहा है कि, एल.ई.डी. बल्ब के जरिए खपत कम की जा सकती है, तो वहीं इन गर्मियों के मौसम में अगर फाइव स्टार ए.सी. का इस्तेमाल किया जाए और 24 डिग्री पर तापमान सैट कर दिया जाए, तो बिजली की खपत काफी कम हो सकती है आपको बता दें कि, सरकार ने इस साल अपने संघीय बजट में निजी कम्पनियों के साथ साझेदारी करके छोटे परमाणु रिएक्टर विकसित करने का प्रस्ताव रखा था, ताकि कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन न करने वाले स्रोतों से बिजली की मात्रा बढ़ाई जा सके। खुद केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल का मानना है कि, राज्यों को उन स्थानों पर परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने पर विचार करना चाहिए, जहां कोयला आधारित ताप विद्युत संयंत्रों ने अपना जीवनकाल पूरा कर लिया है। देश की वर्तमान परमाणु क्षमता लगभग 8 गीगावाट है, और उसका लक्ष्य 2032 तक इसे 20 गीगावाट तक बढ़ाना है। वहीं, केंद्रीय ऊर्जी मंत्री मनोहर लाल का कहना है कि, राज्य अपनी विद्युत उपयोगिताओं की पहचान करके उन्हें देश के स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध करें, जिससे विद्युत क्षेत्र में बढ़ती निवेश की मांग को पूरा किया जा सकेगा, साथ ही ज्यादा नवीकरणीय क्षमता जोड़ने के लिए पारेषण प्रणाली में सुधार किया जा सके। भारत ने 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करने का संकल्प लिया है, जबकि 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य रखा है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के मुताबिक, 14 अप्रैल 2025 का दिन हरियाणा के लिए ऐतिहासिक रहा, क्योंकि इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिसार में एयरपोर्ट का उद्घाटन करने के साथ-साथ यमुनानगर में 800 मैगावाट वाले आधुनिक दीनबंधु छोटू राम थर्मल पावर प्लांट का शिलान्यास किया और प्रदेश के पहले सी.बी.जी. प्लांट का भी शिलान्यास करके प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का भी संकल्प लिया। आपको बता दें कि, 2027 तक हरियाणा को भी अपना पहला थर्मल पावर प्लांट मिल जाएगा। फतेहाबाद के गोरखपुर में 1400 एकड़ में थर्मल पावर प्लांट बनना है। ये थर्मल पावर प्लांट पर करीब 20 हजार 594 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा। इसका पहला चरण इसी साल के आखिर तक पूरा हो जाएगा, जबकि 2027 तक दूसरा चरण पूरा हो जाएगा। इस थर्मल पावर प्लांट की क्षमता 2800 मैगावाट है। और यहां 700 मैगावाट की 4 इकाइयों का निर्माण किया जाएगा। इसी तरह से वर्तमान में तीन और थर्मल पावर प्लांट बनाए जा रहे हैं वहीं, राजस्थान के रावतभाटा में 1400 मैगावाट क्षमता वाली दो इकाइयों का निर्माण चल रहा है। इसके अलावा तमिलनाडू के कुडनकुलम में 1000-1000 क्षमता वाली चार इकाइयों का निर्माण कार्य चल रहा है। गौरतलब है कि, आज भारत परमाणु ऊर्जा में एक बड़ी शक्ति बनकर उभरा है। वहीं, केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने हाल ही में उड़ीसा के उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव से शिष्टाचार भेंट की, इस दौरान उड़ीसा के महत्वपूर्ण ऊर्जा संबंधी विषयों पर व्यापक विचार-विमर्श हुआ, साथ ही ऊर्जा मंत्रालय की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।    

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