पहाड़ों में जहां जिंदगी और मौत का खेल चलता है, वहां सिक्स सिग्मा माउंटेन वॉरियर्स देवदूत बनकर उभरते हैं। सेना और सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर का यह दल, आम से खास तक, हर किसी की जान बचाने के लिए सदैव तत्पर रहता है।

सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर कोई आम मेडिकल टीम नहीं है। यह वीर जवानों का एक दल है, जिन्हें भारतीय सेना द्वारा कठोर प्रशिक्षण दिया जाता है। वे पहाड़ी इलाकों में, जहाँ जीवन और मृत्यु के बीच की लड़ाई हर पल चल रही होती है, वहां मरीजों की जान बचाने के लिए तत्पर रहते हैं।

इन वीरों को “माउंटेन वॉरियर्स” भी कहा जाता है, क्योंकि वे बर्फीले तूफान, भूस्खलन, हिमस्खलन जैसी खतरनाक परिस्थितियों में भी डटे रहकर घायलों और बीमारों का इलाज करते हैं।

जब पहाड़ में बात ज़िंदगी और मौत की होती है, तो पीड़ित को सेना और सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर की याद आना लाजमी है और हो भी क्यों नहीं, क्योंकि सिक्स सिग्मा आज मिलिट्री से कड़ा प्रशिक्षण प्राप्त मेडिकल टीम है, जो आम से ख़ास तक की सेवा हेतु सर्वत्र मौजूद है । किसी भी संकट या आपातकाल में बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्तिथियों व दुर्गम इलाको में तबाही का मंजर हो या बर्फ़ीला तूफ़ान या फिर हो कोई पहाड़ी यात्रा, तब देवदूत का रूप धारण करके आते हैं सिक्स सिग्मा के वीर जवान । यात्री व पहाड़ के लोग इन्हें देवदूत भी कहते हैं और ये बात काफी हद तक सही भी है.. हलक में अटकी जान हो तो मौत के मुंह में जाकर लोगों की जान बचाने का साहस केवल एक सैनिक या सिक्स सिग्मा का वीर ही कर सकता है ।

पक्षियों में “गरुड़” सबसे श्रेष्ठ और ट्रेनिंग में गरुड़ कमांडो को सबसे खूंखार माना जाता है । यह प्रशिक्षण वायु सेना गरुड़ रेजिमेंटल प्रशिक्षण केंद्र, चांदीनगर में दिया जा रहा है । सिक्स सिग्मा की एयरफ़ोर्स में यह तीसरी ट्रेनिंग है, अबकी बार 20 स्टाफ को स्लिदरिंग व रैपलिंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सिक्स सिग्मा को मुख्य तौर से बाधा क्रॉसिंग ड्रिल, वॉल क्लाइम्बिंग, स्लाइथरिंग, रैपलिंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है ।

वायु सेना अध्यक्ष – एयर चीफ़ मार्शल वीआर चौधरी ने सिक्स सिग्मा हाई ऑल्टीट्यूड मेडिकल सर्विस टीम के कार्यों को सराहा और शुभकामनाएं दी। गरुड़ फ़ोर्स के कमांडेंट ने कहा, हम सिक्स सिग्मा टीम को अपनी तरफ़ से बेस्ट ट्रेनिंग दे रहे हैं। सिक्स सिग्मा के वीर-वीरांगनाओं ने देश के प्रति असाधारण साहस, बहादुरी, जुनून, समर्पित सेवा भाव और प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है ।

सिक्स सिग्मा के सी॰ई॰ओ॰ डा० प्रदीप भारद्वाज ने कहा कि, वायु सेना की वजह से आज सिक्स सिग्मा छू रहा है आसमान और वायु सेना की वजह से सिक्स सिग्मा – सशक्त – सक्षम है । सिक्स सिग्मा के वीर प्राकृतिक आपदाओं और विषम परिस्थितियों को अच्छी तरह जानते समझते हैं । यही वजह है कि चाहे राहत कार्य हों, देश सेवा या यात्राएँ या फिर भूस्खलन-हिमस्खलन से उपजे गंभीर हालात में, सिक्स सिग्मा के वीर हर मुश्किल में खुद को साबित करते रहते हैं । इस वर्ष सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर – केदारनाथ, बद्रीनाथ, तुंगनाथ, मध्यमहेश्वर, रुदरनाथ, अमरनाथ व कैलाश मानसरोवेर में हाई ऐल्टिटूड मेडिकल सेवा प्रदान करेगा ।

इस ट्रेनिंग के दौरान सिक्स सिग्मा हाई ऑल्टीट्यूड मेडिकल सर्विस की मेडिकल डायरेक्टर डॉ. अनीता भारद्वाज ने कहा की जज़्बातों को पिंघलाकर, रगो में लोहा भरना पड़ता है, तब जाकर सिक्स सिग्मा का..एक लाल.. सिक्स सिग्मा माउंटेन वॉरीअर बनता है । डॉ० आशीष शर्मा व श्री संजीव कुमार इस ट्रेनिंग की अगुवाई कर रहे हैं ।

सिक्स सिग्मा की कुछ विशेषताएँ :-

सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर देश की प्रमुख हाई ऐल्टिटूड मेडिकल फोर्स है। इस टीम में 450 मेडिकल व पैरा मेडिकल स्टाफ मौजूद है । सिक्स सिग्मा के जवान अपनी कड़ी ट्रेनिंग, मेडिकल रेस्क्यू, निःस्वार्थ स्मरणसनातन सेवा और व्यावसायिक दक्षता के लिए जाने जाते हैं। सिक्स सिग्मा की वीर पहाड़ पर किसी भी हालात और चुनौती का मुकाबला करने के लिए हर समय तैयार रहते हैं। साल भर हिमालय की गोद में बर्फ से ढंके इलाक़ों पर रहकर देश की मेडिकल सेवा करना इनका मूल कर्तव्य है ।

1. सिक्स सिग्मा देश ही नहीं, विदेशों में भी कई बड़े आपदा ऑपरेशनो को सफलतापूर्वक अंजाम दे चुका है…ये सभी शौर्य – दृढ़ता – कर्मनिष्ठा से भरे पड़े हैं ।

2. हिमालय क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाओं व माउंटेन मेडिसिन के लिए ‘फर्स्‍ट रेस्‍पोंडर’ के रूप में सिक्स सिग्मा राहत व बचाव अभियानों का संचालन करते हैं ।
3. तड़के 4 बजे उठकर दौड़ व योगा से दिन की शुरुआत होती है ! सीधी चट्टान पर चढ़ना, रैप्लिंग, कैम्पिंग, ऊंचाई पर रस्सी के साथ कसरत, पर्वतारोहण, विभिन्न प्रकार की गांठ बांधना और चट्टानों व दीवारों पर चढ़ना, जैसी कठिन ट्रेनिंग लेते हैं ।
4. सिक्स सिग्मा भारत की एकमात्र ऐसी प्राइवेट संस्था है जिसके वॉलंटियर्स ने भारतीय सेना, एयरफोर्स, आईटीबीपी, बीएसएफ, सीआरपीएफ और एनडीआरएफ से प्रशिक्षण प्राप्त किया है ।

5. सफलता पाने वालों को भगवान शिव की यात्राओं में मेडिकल सर्विस के लिए भेज दिया जाता है । वहाँ पर ईश्वर के बंदों की सेवा हसरत है, ये उखड़ती साँसों को, अक्सर संभाल लेते है और अच्छे-अच्छों को, मौत के मुँह से निकाल लेते है ।
6. ना कोई दान – ना कोई दर्शन की अभिलाषा – फिर भी कृतज्ञता से करते हैं निष्काम कर्म ।
7. सिक्स सिग्मा मेडिकल सेवा- कभी भी – कहीं भी – हर मौसम में – हर यात्रा में – हर त्रासदी में – फ़ौजी प्रशिक्षण के साथ सदैव फ़ौज की तरह तत्पर तैयार ।

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