सुप्रीम कोर्ट का तेलंगाना सरकार पर सख्त रुख: हैदराबाद विश्वविद्यालय के पास पेड़ों की कटाई पर रोक

हैदराबाद विवि के पास पेड़ों की कटाई मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि हम पर्यावरण को हुए नुकसान से चिंतित हैं। ऐसे वीडियो देखकर आश्चर्य हुआ। जानवर आश्रय की तलाश में भाग रहे हैं। सरकार तय करे कि उन जंगली जानवरों की सुरक्षा कैसे होगी? सरकार को पेड़ काटने की इतनी जल्दी क्या थी?

हैदराबाद विश्वविद्यालय के पास स्थित कांचा गाचीबोवली वन क्षेत्र में पेड़ों की कटाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना सरकार पर कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि पेड़ों की कटाई में इतनी जल्दी क्यों की गई और क्या इसके लिए पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन (ईआईए) किया गया था। साथ ही, कोर्ट ने तेलंगाना के मुख्य सचिव को चेतावनी दी है कि अगर आदेशों का पालन नहीं किया गया तो उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

मामले की पृष्ठभूमि:

तेलंगाना सरकार ने 30 मार्च को हैदराबाद विश्वविद्यालय के पास स्थित 400 एकड़ भूमि पर विकास कार्यों के लिए पेड़ों की कटाई शुरू की थी। इस भूमि को तेलंगाना इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन (टीएसआईआईसी) को आवंटित किया गया था, जो आईटी पार्क के निर्माण के लिए इसे साफ कर रहा था। हालांकि, विश्वविद्यालय के छात्र और पर्यावरण कार्यकर्ता इस कदम का विरोध कर रहे थे, उनका कहना था कि यह क्षेत्र वन्यजीवों के लिए महत्वपूर्ण है और यहां पेड़ों की कटाई से पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान होगा।

सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया:

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया और तेलंगाना उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार (न्यायिक) को निर्देश दिया कि वह कांचा गाचीबोवली वन क्षेत्र का तत्काल दौरा करें और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। कोर्ट ने तेलंगाना के मुख्य सचिव से पूछा कि पेड़ों की कटाई में इतनी जल्दी क्यों की गई और क्या इसके लिए पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन किया गया था। साथ ही, कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर आदेशों का पालन नहीं किया गया तो मुख्य सचिव के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

पर्यावरणीय चिंताएं:

छात्रों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस क्षेत्र में 450 से अधिक वनस्पति और जीवों की प्रजातियां हैं, जिनमें जड़ी-बूटियां, झाड़ियां, तितलियां और पक्षी शामिल हैं। उनका कहना है कि पेड़ों की कटाई से इन प्रजातियों के आवास को नुकसान पहुंचेगा और पारिस्थितिकी तंत्र असंतुलित होगा।

अगली सुनवाई:

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 15 मई को निर्धारित की है। तब तक, कोर्ट ने तेलंगाना सरकार को आदेश दिया है कि वह इस क्षेत्र में पेड़ों की कटाई की अनुमति न दे।

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