फरीदाबाद में एक 50 साल पुरानी मस्जिद को गिराने का मामला सामने आया है। गत दिवस नगर निगम की टीम ने 50 साल पुरानी एक मस्जिद को गिरा दिया। निगम की टीम बुलडोजर और पुलिस फोर्स के साथ पहुंची थी। माहोल को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से निगम की टीम के साथ 3 एसीसी व 250 पुलिसकर्मी साथ रहे। ये कार्रवाई जमाई कॉलोनी में की गई। निगम का दावा है कि यह मस्जिद अवैध रूप से बनाई गई थी। मामला हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। अधिकारी ने दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट से आदेश पर ये कार्रवाई की है। उधर, स्थानीय लोगों का कहना है कि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने के बाद भी नगर निगम ने कार्रवाई की। उनका कहना है कि इस विवादित जमीन का मालिकाना हक बड़खल गांव के के पूर्व सरपंच रक्का ने दी थी, जबकि नगर निगम भी इस पर अपना दावा करता है। यह मामला पिछले 20-25 साल से पहले हाईकोर्ट और अब सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।
वहीं नगर निगम के लीगल एडवाइजर सतीश आचार्य ने बताया की जमाई कॉलोनी में सरकारी जमीन पर इल्लीगल स्ट्रक्चर्स थे, जिन्हें हटाया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश थे कि जहां भी सरकारी भूमि पर पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम लगा हो, वहां पर अतिक्रमण नहीं कर सकते हैं। ये अतिक्रमण था, जिसे नगर निगम की टीम ने पुलिस बल के साथ हटा दिया। जिन्होंने सरकारी भूमि पर कब्जा किया, उन पर कार्रवाई करेंगे। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी कई बार यहां पर कार्रवाई की गई है। यह रिजर्व फॉरेस्ट एरिया है, जिस पर आप कोई कंस्ट्रक्शन नहीं कर सकते। उसे जंगल ही रहने दें। जो भी लोग सरकारी भूमि पर कब्जा किए बैठे हैं उन पर भी इसी प्रकार की कार्रवाई की जाएगी। इसे दोबारा से जंगल मेंटेन करने के लिए फॉरेस्ट विभाग को लिखेंगे। ये फॉरेस्ट लैंड है। इसे फॉरेस्ट लैंड ही रहने दें।
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