महेंद्रगढ़ के कनीना में हुए स्कूल बस हादसे के बाद शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. परिवहन और शिक्षा मंत्रालय स्कूली वाहनों की उपयुक्तता की जाँच करता है। वहीं, शिक्षा विभाग ने राज्य भर के 4,500 गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है. इस हेतु क्लस्टर स्तर पर टीमों का गठन कर टेस्टिंग अभियान चलाने का सख्त निर्देश दिया गया.
मौलिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों से गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की रिपोर्ट तलब की है। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को लिखे पत्र में गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों का एमआईएस पोर्टल बंद करने को कहा है। साथ ही एमआईएस पोर्टल पर उपलब्ध मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की सूची मुख्यालय भेजने के निर्देश दिए हैं।
हरियाणा सरकार पहले ही गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को लेकर अपना रुख साफ कर चुकी है, लेकिन निजी स्कूल संचालक लगातार मान्यता के लिए कोशिश कर रहे थे। सरकार की सख्ती के बाद प्राइवेट स्कूल संघ के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री नायब सैनी को ज्ञापन देकर निजी स्कूल बंद न करने, स्थानीय मान्यता प्राप्त स्कूलों को 10 साल बाद मान्यता रिव्यू कराने का आदेश निरस्त करने और स्कूली सोसायटियों पर लगाए जुर्माने को माफ करने की मांग की थी। उस समय मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि किसी स्कूल को बंद नहीं किया जाएगा।
अस्थायी मान्यता प्राप्त स्कूलों को तभी नए सत्र में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी, जब वे शर्तें पूरी करेंगे। शर्तें पूरी किए बगैर यदि कोई स्कूल संचालित हुआ तो हरियाणा स्कूल एजुकेशन नियमावली 2003 के अनुसार इसे अपराध माना जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों पर छापेमारी के लिए क्लस्टर आधार पर टीमें बनाई गई हैं। टीम के सदस्य अपने क्लस्टर में स्कूलों की जांच करेंगे और अवैध रूप से संचालित स्कूलों को बंद कराएंगे। बड़ी संख्या में स्कूल ऐसे हैं, जिनके पास छोटी कक्षा की मान्यता है, लेकिन वे बड़ी कक्षाओं के दाखिले कर रहे है। इन स्कूलों पर भी शिकंजा कसा जाएगा। अभी तक 282 गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को चिह्नित किया जा चुका है।