Rama Navami : आज भगवान राम की नगरी अयोध्या में रामनवमी का पर्व विशेष उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। रामलला का भव्य मंदिर बनने के बाद ये पहली रामनवमी है, और इस अवसर पर भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है। हर कोई भगवान के दर्शन करने और सूर्याभिषेक का साक्षी बनने के लिए उत्सुक है।
इस खास अवसर पर, भगवान राम का “सूर्य तिलक” हुआ। दोपहर 12 बजकर 16 मिनट पर सूर्य की किरणें मंदिर के गर्भगृह में पहुंचीं और भगवान राम की प्रतिमा के माथे पर 4 मिनट तक प्रकाशित रहीं।
Sun rays grace Ram Lalla’s forehead in Ram Mandir, Ayodhya.#RamNavami #AyodhyaDham #RamotsavOnDD #NavyaMandirBhavyaRamNavmi #AyodhyaRamMandir pic.twitter.com/VGDFSEMgp0
— Doordarshan National दूरदर्शन नेशनल (@DDNational) April 17, 2024
सूर्य तिलक कैसे हुआ
यह “सूर्य तिलक” एक अभिनव इंजीनियरिंग परियोजना का परिणाम है जिसे “प्रोजेक्ट सूर्य तिलक” नाम दिया गया है। इस परियोजना में, वैज्ञानिकों ने दर्पण, लेंस और एक गियरबॉक्स का उपयोग करके सूर्य की किरणों को मंदिर के शिखर से गर्भगृह तक पहुंचाया।
सूर्य तिलक कैसे काम करता है?
- गियर बॉक्स, रिफ्लेक्टिव मिरर और लेंस की एक जटिल प्रणाली सूर्य की किरणों को मंदिर के शिखर से तीसरी मंजिल तक लाती है, जहाँ गर्भगृह स्थित है।
- सूर्य के पथ को ध्यान में रखते हुए इस प्रणाली को डिजाइन किया गया है ताकि हर साल राम नवमी के दिन दोपहर 12 बजे के करीब चार मिनट तक सूर्य की किरणें भगवान राम की प्रतिमा के माथे पर पड़ सकें।
- बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (आईआईए) ने सूर्य के पथ को लेकर तकनीकी सलाह दी है।
- ऑप्टिका नामक एक बेंगलुरु की कंपनी ने लेंस और ब्रास ट्यूब का निर्माण किया है।
अयोध्या में रामनवमी के इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनने के लिए हजारों भक्त उमड़ रहे हैं। यह पल निश्चित रूप से हर राम भक्त के लिए अविस्मरणीय होगा।