मुंबई। मुंबई के वर्ली स्थित अपने घर से लापता हुआ 12 साल का दिव्यांग लड़का छह घंटे बाद अपने परिवार के पास लौट आया। बच्चे को परिवार से मिलाने में तकनीक की अहम भूमिका रही। आपको बता दें कि बच्चा मानसिक रूप से दिव्यांग है। उसके गले में एक पेंडेंट वाला लॉकेट है। इस लॉकेट में एक क्यूआर कोड भी अंकित है। क्यूआर कोड में बच्चे के परिजनों से संपर्क करने की जानकरी लिंक है।
आपको बता दें कि वह गुरुवार शाम को अपने वर्ली स्थित घर से लापता हो गया था। इसके बाद में शाम को कोलाबा में उसका पता लगाया गया। बच्चे के गले में लटके लॉकेट के क्यूआर कोड को स्कैन किया गया, तो परिजनों का पता और फोन नंबर मिल गया। इसके बाद उसके परिजनों से संपर्क साधा गया।
आपको बता दें कि लड़का पड़ोस के अन्य बच्चों के साथ खेल रहा था। तभी वह फिसल गया। पुलिस को कोलाबा के रीगल सिनेमा जंक्शन के पास एक बच्चे के अकेले घूमने की सूचना मिली।
पुलिस अधिकारियों ने कहा, “एक अधिकारी ने लड़के के गले में लॉकेट देखा और क्यूआर कोड देखा। इसे स्कैन किया गया और हमें इसमें से कुछ फोन नंबर मिले। फिर परिजनों से संपर्क किया गया। और विवरण की पुष्टि करने के बाद लड़के को उसके पिता को सौंप दिया गया।”