पुणे में गुलियन-बेरी सिंड्रोम के मामलों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है। मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि, गुलियन-बेकी सिंड्रोम के दर्ज और संदिग्ध मामलों की तादाद 197 तक पहुंच गई है। शहर में इस नर्व डिस-ऑर्डर के पांच रोगियों का पता चल है। पांच रोगियों में से 2 नए मामले है और 3 बीते दिनों के मामले शामिल है।
वहीं, स्वास्थ्य विभाग की प्रेस रिलीज में कहा गया है कि, 197 मामलों में से 172 में GBS से जुड़ा इलाज किया गया है और तकरीबन 40 मरीज पुणे नगर निगम इलाकों से है जबकि, 92 PMC में नए जोड़े गए गांवों से, 28 पुणे ग्रामीण, 29 पिंपरी चिचवाड़ नागरिक सीमा से और आठ अन्य जिलों से है। बता दें कि, 104 मरीजों को छुट्टी दे दी गई है, 20 वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं और 50 ICU में हैं।
उन्होंने आगे बताया कि, GBS के कारण होने वाली संदिग्ध मौतों की संख्या 7 पहुंच गई है। जीबीएस एक दुर्लभ स्थिति है जिसमें व्यक्ति की इम्यून सिस्टम पेरिफेरल नर्व्स पर हमला करती है, जिसके परिणामस्वरूप मांसपेशियों में कमजोरी, पैरों और बाहों में सेंसेशन का नुकसान, साथ ही निगलने या सांस लेने में समस्या होती है।
क्या है इसका लक्षण
GBS की शुरुआत आमतौर पर हाथों और पैरों में झुनझुनी और कमजोरी से होती है और ये लक्षण तेजी से फैल सकते हैं और लकवे में बदल सकते हैं। इसके शुरुआती लक्षण ये हो सकते हैं।
हाथों, पैरों, टखनों या कलाई में झुनझुनी
पैरों में कमजोरी
चलने में कमजोरी, सीढ़ियां चढ़ने में दिक्कत
बोलने, चबाने या खाना निगलने में दिक्कत
आंखों की डबल विजन या आंखों को हिलाने में दिक्कत
तेज दर्द, खासतौर पर मांसपेशियों में तेज दर्द
पेशाब और मल त्याग में समस्या
सांस लेने में कठिनाई