Economy Survey 2024-25Economy Survey 2024-25

Economy Survey 2024-25: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पेश किया आर्थित सर्वेक्षण, देश की GDP वृद्धि दर 6.3% से 6.8% के बीच रहने का अनुमान।

Economy Survey 2024-25

1 फरवरी को देश का आगामी बजट पेश होने वाला है, जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट 2025-26 पेश करेंगी. इस बजट में कई नए और खास एलान किए जा सकते हैं. आम बजट 2025-26 में टैक्‍सपेयर्स से लेकर किसान, महिलाएं और युवाओं के लिए गिफ्ट मिल सकते हैं. ऐसे में बजट पेश होने से ठीक एक दिन पहले 31 जनवरी को देश का इकोनॉमिक सर्वे 2024-25 पेश किया गया है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में इकोनॉमिक सर्वे 2024-25 को पेश किया. इस सर्वेक्षण में FY26 के लिए भारत की GDP वृद्धि दर 6.3% से 6.8% के बीच रहने का अनुमान है. GST कलेक्‍शन में 11 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान है, जो 10.62 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है.

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ये सर्वे नीतिगत सुधारों और आर्थिक स्थिरता की दिशा में सरकार के प्रयासों को रेखांकित करता है. सरकार का अनुमान अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के 6.5% अनुमान के करीब है, लेकिन विश्व बैंक के 6.7% अनुमान से कम है.

PMI लगातार 14वें महीने (दिसंबर 2024 तक) विस्तार क्षेत्र में रहा है. सर्विस सेक्‍टर में मजबूती जारी है जबकि मैन्‍युफैक्‍चरिंग पीएमआई में कमी के संकेत मिल रहे हैं.

कुल GVA ने वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में महामारी पूर्व की स्थिति को पार कर लिया है. जबकि मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर ने अलग प्रदर्शन किया है, वित्त वर्ष 21 के मध्य से इसमें तेजी आई है और ये महामारी से पहले के रुझान से लगभग 15 प्रतिशत ऊपर है.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025 के लिए वास्तविक GVA ग्रोथ 6.4 फीसदी रहने का अनुमान है. अर्थव्यवस्था के नजरिए से अगर देखा जाए तो ग्रामीण मांग में तेजी के कारण स्थिर कीमतों पर निजी अंतिम उपभोग व्यय में 7.3 फीसदी की वृद्धि होने का अनुमान है. इसके अलावा GDP के हिस्से के रूप में PFCE वित्त वर्ष 2024 में 60.3 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 61.8 फीसदी होने का अनुमान है.

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सर्विस सेक्‍टर में वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में 7.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. जुलाई-नवंबर 2024 में केंद्र सरकार का पूंजीगत व्यय 8.2 प्रतिशत बढ़ा है और इसमें और तेजी आने की उम्मीद है.

वहीं, बाहरी मोर्चे पर, स्थिर कीमतों पर वस्तुओं और गैर-कारक सेवाओं के निर्यात में वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही में 5.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि आयात में 0.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई.

वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में, स्थिर कीमतों पर वस्तुओं और सेवाओं के आयात में 2.9 प्रतिशत की कमी आई, जो मुख्य रूप से कमोडिटी की कीमतों में गिरावट के कारण हुई.

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नवंबर 2024 तक, डिफेंस, रेलवे और सड़क परिवहन में पूंजीगत व्यय का लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा होगा, जबकि बिजली, खाद्य और सार्वजनिक वितरण में महत्वपूर्ण वार्षिक वृद्धि होगी.

वित्त वर्ष 2024 में सीपीआई 5.4 प्रतिशत से घटकर अप्रैल-दिसंबर 2024 में 4.9 प्रतिशत हो गई है. यह गिरावट वित्त वर्ष 24 और अप्रैल-दिसंबर 2024 के बीच कोर (गैर-खाद्य, गैर-ईंधन) मुद्रास्फीति में 0.9 प्रतिशत अंकों की कमी के कारण हुई है.

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भारत का विदेशी मुद्रा भंडार जनवरी 2024 के अंत में 616.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर सितंबर 2024 में 704.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो 3 जनवरी 2025 को घटकर 634.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो जाएगा.

जबकि, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 90 प्रतिशत बाहरी लोन को कवर करने समेत दस महीने से ज्यादा का आयात कवर देने के लिए पर्याप्त है.

RBI की रिपोर्ट दिसंबर 2024 के अनुसार, बैंकिंग प्रणाली में सकल एनपीए सकल ऋण और अग्रिमों के 2.6 प्रतिशत के 12 साल के निचले स्तर पर आ गया है

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