Sunscreen Myths and Facts : महिलाएं हों या पुरुष, अपनी स्किन को लेकर सभी सजग रहते हैं. ज्यादातर लोग केमिकल प्रोडक्ट्स के साथ ही घरेलू नुस्खों को भी स्किन केयर रिजीम में शामिल करते हैं. गर्मी हो या सर्दी, एक ऐसा प्रोडक्ट है, जो हर किसी के ब्यूटी रिजीम का बड़ा हिस्सा होता है.. और वह है सनस्क्रीन. सनस्क्रीन धूप व सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों से त्वचा का बचाव करता है. इससे सनबर्न व त्वचा पर काले धब्बे जैसी परेशानियों से बचा जा सकता है.

हर किसी को अपने स्किन टाइप के हिसाब से सही एसपीएफ युक्त सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए. ज्यादातर लोग सनस्क्रीन का इस्तेमाल तो करते हैं लेकिन उन्हें इसकी सही प्रैक्टिस का अंदाजा नहीं है. इसीलिए सनस्क्रीन को लेकर कई ऐसी धारणाएं हैं, जिनके सही फैक्ट्स पता होना जरूरी है.

मिथक 1: ठंड या हवाओं में धूप से त्वचा को नुकसान नहीं होता है।

सच: गलत। ठंड या तेज हवाओं वाले मौसम में भी त्वचा को नुकसान हो सकता है। सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणें साल भर मौजूद रहती हैं, इसलिए मौसम चाहे जो भी हो, सनस्क्रीन का इस्तेमाल हमेशा करना चाहिए।

मिथक 2: एसपीएफ युक्त कॉस्मेटिक का इस्तेमाल करने पर सनस्क्रीन लगाने की जरूरत नहीं होती।

सच: गलत। कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स में एसपीएफ नहीं होता है, या होता भी है तो उसकी मात्रा त्वचा की ज़रूरत के हिसाब से कम होती है। सनस्क्रीन में मौजूद तत्व त्वचा को सूरज की सभी किरणों से बचाते हैं, जो कॉस्मेटिक में नहीं होते।

मिथक 3: एसपीएफ 50+ सनस्क्रीन लगाकर आप ज्यादा समय तक धूप में रह सकते हैं।

सच: गलत। एसपीएफ 30 और 50+ में ज्यादा अंतर नहीं होता है। दोनों ही 96-98% सुरक्षा प्रदान करते हैं। धूप में रहने का समय, त्वचा का प्रकार और गतिविधि के आधार पर हर 2-3 घंटे में सनस्क्रीन लगाना ज़रूरी है।

मिथक 4: सनस्क्रीन दिन में सिर्फ 1 बार लगाना चाहिए।

सच: गलत। सनस्क्रीन का असर 2-3 घंटे में खत्म हो जाता है। पसीना या पानी में जाने से इसका असर और भी कम हो जाता है। इसलिए, हर 3-4 घंटे में सनस्क्रीन जरूर लगाएं।

मिथक 5: सनस्क्रीन लगाने से त्वचा काली होती है।

सच: गलत। कुछ सनस्क्रीन में मिनरल होते हैं जो त्वचा पर सफेद निशान छोड़ सकते हैं। यह “व्हाइट कास्ट” कहलाता है। डार्क स्किन टोन वालों में यह ज्यादा दिखता है। इसके लिए आप केमिकल सनस्क्रीन चुन सकते हैं।

मिथक 6: त्वचा को ढकने से बेहतर है सनस्क्रीन लगाना।

सच: थोड़ा सच। सनस्क्रीन त्वचा को सुरक्षा देता है, लेकिन कपड़े, टोपी और धूप का चश्मा भी ज़रूरी हैं।

मिथक 7: डार्क स्किन टोन वाले लोगों को सनस्क्रीन की ज़रूरत नहीं होती है।

सच: गलत। सभी को सनस्क्रीन की ज़रूरत होती है। डार्क स्किन टोन वालों में सनबर्न का खतरा कम होता है, लेकिन स्किन कैंसर का खतरा भी होता है।

मिथक 8: सनस्क्रीन विटामिन डी को शरीर में पहुंचने से रोकता है।

सच: गलत। सनस्क्रीन थोड़ा विटामिन डी का उत्पादन कम कर सकता है, लेकिन शरीर को ज़रूरत भर का विटामिन डी मिल जाता है। विटामिन डी की कमी for, सप्लीमेंट्स ले सकते हैं।

मिथक 9: सनस्क्रीन से शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं।

सच: गलत। यह दावा साबित नहीं हुआ है। सनस्क्रीन में मौजूद कुछ तत्वों पर सवाल उठाए जाते हैं, लेकिन इनके नकारात्मक प्रभावों का कोई प्रमाण नहीं है।

मिथक 10: सनस्क्रीन वॉटरप्रूफ होती है।

सच: गलत। सनस्क्रीन पानी में घुल जाती है। “वॉटर रेसिस्टेंट” सनस्क्रीन थोड़ा समय तक पानी में टिकी रहती हैं।

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