School Bus Accident : हरियाणा के महेंद्रगढ़ में गुरुवार को स्कूल की बस पलटने से छह बच्चों की मौत हो गई. वहीं कई बच्चे बुरी तरह से घायल हुए हैं. इस मामले में FIR भी दर्ज कर ली गई है. बताया जा रहा है कि जिस बस से यह हादसा हुआ,उसका फिटनेस सर्टिफिकेट भी एक्सपायर हो चुका था. वाहन सुरक्षा नीति को लेकर शिक्षा विभाग ने आज मीटिंग बुलाई है. हरियाणा सरकार ने 3 दिन में हादसे की रिपोर्ट मांगी है. वहीं DC ने स्कूल की मान्यता रद्द करने की सिफारिश की है. पता चला है कि साल 2018 से स्कूल ने रोड़ टैक्स भी नहीं भरा था. स्कूल बस पर एक महीना पहले भी 15 हजार रुपए का जुर्माना लगया गया था.
आज (शुक्रवार) दोपहर 3 बजे शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव VC के ज़रिए बैठक करेंगे. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्य के तमाम इलाकों के सभी जिला शिक्षा अधिकारी, मौलिक शिक्षा अधिकारी, और राज्य के सभी खंड शिक्षा अधिकारी इस मीटिंग में जुड़ेंगे. बस पलटने की घटना की जांच के लिए एक चार सदस्यीय समिति का भी गठन किया गया है.
इस भीषण घटना के बाद स्कूल के प्रिंसिपल समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. शिक्षा अधिकारी के मुताबिक शराब के नशे में बस चला रहा था. जानकारी ये भी सामने आई है कि ड्राइवर कथित तौर पर बस के पेड़ से टकराने से ठीक पहले कूद गया था. स्कूल सचिव के साथ उसे भी हिरासत में लिया गया है. यह घटना महेंद्रगढ़ जिले के कनीना में उनहानी गांव के पास हुई. जी.एल. पब्लिक स्कूल की बस पलटने से 17 बच्चे घायल हुए थे, जिसमें 14 को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. वहीं तीन बच्चों की हालत अब भी गंभीर बताई जा रही है. हैरानी की बात यह है कि ईद की सरकारी छुट्टी के दिन भी स्कूल चल रहा था.
जी.एल. पब्लिक स्कूल के कक्षा 4 से 10 तक के छात्र गुरुवार को स्कूल जा रहे थे, तभी उन्हें लेकर जा रही बस एक पेड़ से टकराकर पलट गई. दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि बस का फिटनेस सर्टिफिकेट छह साल पहले यानी कि 2018 में ही समाप्त हो गया था. इस मामले में राज्य सड़क परिवहन के एक अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है. वहीं ईद की छुट्टी के दिन स्कूल क्यों चल रहा था, ये भी बड़ा सवाल है. राज्य की शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने कहा कि इस मामले की भी जांच की जा रही है कि ईद के दिन स्कूल में कक्षाएं क्यों चल रही थीं. स्कूल को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और इसके अलावा, निजी स्कूलों से स्व-शपथ पत्र लिया है. स्कूलों को एक हलफनामा देना होगा कि उनके द्वारा उपयोग किए जाने वाले परिवहन वाहन परिवहन नियमों का पालन कर रहे हैं.