महाकुंभ में 29 जनवरी 2025 को हुई भगदड़ दिन इतिहास के काले पन्नों में दर्ज हो गया। अब इसको लेकर कई सवाल उठने लगे हैं कि, क्या ये हादसा प्रशासनिक लापरवाही से हुआ? या फिर किसी ने जानबुझकर इस हादसे को अंजाम दिया? या फिर ये साजिश के तहत ये घटना कराई गई? इसी को लेकर अब जांच की जाएगी। दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दर्दनाक हादसे के लिए न्यायिक जांच का आदेश देते हुए तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है। इस आयोग के अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश हर्ष कुमार होंगे। जबकि पूर्व डीजी वीके गुप्ता और रिटायर्ड आईएएस डीके सिंह को आयोग में शामिल किया गया है। जानकारी के मुताबिक, जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय यह आयोग एक समय सीमा के अंदर अपनी रिपोर्ट देगा। पुलिस भी मामले की जांच करेगी और हादसे के कारणों की गहराई से पड़ताल की जाएगी। यही नहीं, गुरुवार को मुख्य सचिव और डीजीपी भी प्रयागराज जाकर घटना की समीक्षा करेंगे। न्यायिक आयोग भगदड़ के कारणों के साथ ही उन परिस्थितियों की भी जांच करेगा जो हादसे का कारण बनीं। भविष्य में ऐसी किसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो इसके सुझाव भी देगा। राज्य सरकार को आयोग की जांच अवधि में परिवर्तन करने का अधिकार होगा।
महाकुंभ में श्रद्धालुओं का तांता
गौरतलब है कि प्रयागराज महाकुंभ में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। मौनी अमावस्या पर मची भगदड़ के बाद भी श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं है। लोगों मेला प्रशासन ने जानकारी दी है कि 30 जनवरी सुबह 10 बजे तक साढ़े 28 करोड़ लोग गंगा स्नान कर चुके हैं। इसके अलावा महाकुंभ में 10 लाख से अधिक श्रद्धालु कल्पवास कर रहे हैं। बता दें कि बुधवार तड़के मौनी अमावस्या के स्नान से पहले महाकुंभ में हुई भगदड़ की घटना के बाद अब स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में हैं। साथ ही प्रशासन ने पहले से ज्यादा सख्ती बढ़ा दी है। अब पूरा मेला क्षेत्र नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है। VVIP पास रद्द कर दिए गए हैं। कुंभ मेला के रास्ते वन-वे किए गए हैं। प्रयागराज से सटे जिलों से आने वाले वाहनों को जिले की सीमा पर रोका जा रहा है। आगामी चार फरवरी तक सख्त प्रतिबंध जारी रहेंगे।
कौन हैं IAS आशीष गोयल?
आईएएस अधिकारी आशीष गोयल, जो 12 फरवरी 1973 को बिजनौर, उत्तर प्रदेश में जन्मे हैं. भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1995 बैच के अधिकारी हैं. उन्होंने अपनी शैक्षिक योग्यता में बी.टेक. (इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग), एमए (अर्थशास्त्र) और पीएचडी प्राप्त की है. 1995 में IAS में नियुक्त होने के बाद, उन्होंने यूपीपीसीएल, जल विद्युत निगम यूपी और यूपी राज्य विद्युत उत्पादन एवं पारेषण निगम जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया. वर्तमान में वे प्रशासनिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए राज्य के विकास कार्यों में सक्रिय योगदान दे रहे हैं.
कौन हैं IAS भानु चंद्र गोस्वामी?
भानु चंद्र गोस्वामी 2010 बैच के यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. उन्होंने 2009 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर आल इंडिया 33वीं रैंक हासिल की थी. रांची के निवासी भानु ने संस्कृत (ऑनर्स) में ग्रेजुएशन किया है. आईएएस ट्रेनिंग के बाद उनकी पहली तैनाती आगरा में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के रूप में हुई थी. वे वाराणसी, श्रावस्ती, लखनऊ, प्रयागराज, जौनपुर में डीएम रह चुके हैं.
कौन हैं तीन PCS अधिकारी?
जिन तीन तेज तर्रार पीसीएस अफसरों को भी प्रयागराज रवाना किया गया है, उनमें प्रफुल्ल त्रिपाठी (हरदोई), प्रतिपाल सिंह चौहान (बस्ती) और आशुतोष दुबे (कानपुर) शामिल हैं. 15 फरवरी तक के लिए इनकी कुंभ में तैनाती की गई है. प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी हरदोई में अपर जिलाधिकारी न्यायिक हैं. इसके पूर्व वह रायबरेली में एडीएम प्रशासन के रूप कार्यरत थे. पीसीएस 2015 बैच के अधिकारी प्रफुल्ल त्रिपाठी ने विभिन्न जनपदों में उपजिलाधिकारी के रूप में कार्य किया है. उनकी गिनती काफी तेज अधिकारियों में होती रही है