BLACK TAJMAHAL: क्या आप जानते है काले ताजमहल का पूरा सच?
BLACK TAJMAHAL: आपने ताजमहल का नाम तो जरूर सुना होगा। और आपमें से बहुत से लोग तो ताजमहल घूमने भी जरूर गए होंगे। ताजमहल की खुबसूरती के तो वाकई कहने ही क्या। कहा जाता है ताजमहल प्यार का प्रतीक है। और यहां देश-विदेश से लाखों लोग घूमने आते हैं। बता दें कि, सफेद संगमरमर से बना ताज जिसकी पूरी दुनिया दीवानी है। आप ने ताजमहल की कहानी बहुत सुनी होगी कि, कैसे ताजमहल बना ताजमहल के बनने के पीछे की कहानी क्या है ? और क्यों ताजमहल बनने के बाद मजदूरों के हाथ कटवा दिए गए ?
आप इन सब रहस्यों के बारे में तो अच्छे से जानते होंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि, इतिहास के पन्नों में इस सफेद ताजमहल के साथ एक काले ताजमहल का जिक्र भी मिलता है। जी हां आपने सही सुना काला ताजमहल। कहा जाता है कि, इतिहास के पन्नों में काले ताजमहल का जिक्र तो अवश्य मिलता है, लेकिन उसके साथ ही ये भी कहा जाता है कि काला ताजमहल कभी पूरा नहीं बन पाया। अब एक क्योरसिटी तो जरूर ही बन गई होगी, आपके दिमाग में आखिर ये काले ताजमहल के पीछे की कहानी क्या है ?
तो आज हम आपको ये ही बताने वाले है कि, काले ताजमहल का क्या राज है। इसके साथ ही हम ये भी जानेंगे कि, आखिर ये ताजमहल किस, शासक की ओर से बनाया जा रहा था और फिर इसका काम किस वजह से रुक गया। तो आइए जानते हैं काले ताजमहल से जुड़ी कई खास बातें।
क्या है काले ताजमहल की कहानी?
कहा जाता है कि, आगरा में सफेद संगमरमर से ताजमहल का निर्माण पूरा होने के बाद शाहजहां एक और ताजमहल बनवाना चाहते थे, जो पूरी तरह से काला हो। काला यानि जो ताजमहल को बनाने में सफेद संगमरमर का इस्तेमाल हुआ, वहीं दूसरा ताजमहल बनाने के लिए काले पत्थरों का इस्तेमाल हो। हालांकि काले पत्थरों से एक ताजमहल बनवाने की उनकी ख्वाहिश कभी पूरी नहीं हो पाई।
कहां बनना था ये ताजमहल ?
अब बात करते है आखिरकार अगर ये काला ताजमहल बनता, तो कहां बनता, तो आपको बता देते हैं कि ताजमहल के पीछे यमुना नदी के पार वाले इलाके में जिसे माहताब बाग कहा जाता है, वहीं काला ताजमहल बनाया जाना था। और इसके सबूत वहां हमें देखने को मिलते है क्योंकि वहां, आज भी ताजमहल के लिए बनाया गया आधार मौजूद है, लेकिन अफसोस इसका काम पूरा नहीं हो पाया।
क्यों बनना था काला ताजमहल?
एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक ताजमहल जो उन्होंने अपनी बेगम की याद में बनवाया था और जिसमें उनकी बेगम मुमताज की कब्र बनाई गई थी, तो फिर काला ताजमहल किस लिए ? तो काला ताजमहल वो अपने लिए बनवाना चाहते थे, जिसमें वो अपना मकबरा बनाना चाहते थे। लेकिन, शाहजहां का ये सपना कभी पूरा नहीं हो सका। और इस सपने के पूरा होने के बीच में आए उनके खुद के बेटे औरंगजेब। जी हां उस समय शाहजहां का अपने बेटे के टकराव शुरू हो गया था।
और ना केवल टकराव औरंगजेब ने तो यहां तक कर दिया था कि, उन्होंने शाहजहां को खुद के घर में ही नजरबंद कर लिया था। बता दें कि, इस कहानी का जिक्र यूरोपीय लेखकर जेन-बैप्टाइज टेवरनियर ने किया था जो 1665 में आगरा गए थे। साथ ही एक कहानी में ये भी बताया जाता है कि ताजमहल के सामने काला ताजमहल उसकी परछाई या दूसरी छवि बनाने के लिए बनाया जा रहा था।
वहीं इस काले ताजमहल की कहानी में कितनी सच्चाई है, ये तो खुद शाहजहां ही जानते है, क्योंकि अनेकों लोगों की काले ताजमहल को लेकर अलग अलग मत है। कोई इसे सच्ची कहानी बताते हैं तो कई लोग इसे मनगढ़ंत कहानी का नाम देते है।